Bhartiya Musalman / भारतीय मुसलमान
Author
: Kishori Sharan Lal
  Keshav Prasad Kayan
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: History, Art & Culture
Publication Year
: 2003
ISBN
: 817124355X
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xii + 124, Append., Size : Demy i.e. 21.5 x 14 Cm.

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''विश्व के अनेक भागों की भाँति भारत में भी जातियों में टकराव हुए हैं और इन टकराव के चलते कुछ धर्मान्तरण भी हुए हैं लेकिन इस्लामीकरण का यही एक प्रमुख कारण था यह एक भ्रांति है।' ''इस्लामी आक्रान्ता पराजित एवं युद्धबन्दी हिन्दू सैनिकों को गुलाम बनाते, बार-बार क्रय-विक्रय करते थे और वे अभागे हिन्दू गुलाम कालान्तर में मुसलमान बनने को विवश होकर मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि के मुख्य घटक बन जाते थे। यह प्रथा भले ही बड़ी क्रूर मालूम देती हो लेकिन इस्लामी धर्मविज्ञान के अनुसार युद्ध में शामिल न होने वाले काफिर पुरुषों, महिलाओं एवं बच्चों को गुलाम बनाना अल्लाह के द्वारा पुरस्कार के रूप में योद्धाओं को दिया जाने वाला स्वीकृत एवं अनुमोदित उपहार है। इस्लाम के समर्थकों ने अल्लाह की इस अनुज्ञा को निष्ठापूर्वक कार्यान्वित ही किया है' ''हिन्दुओं के पूर्वजों में बहुत कम ही ऐसे लोग थे जिन्होंने स्वेच्छा से धर्मान्तरण किया। धर्मान्तरित भारतीय मुसलमानों में हिन्दू मूल के लोग ही बहुसंख्यक हैं। ऐसे अध्ययन से ज्ञात होता है कि आज के मुसलमान हमारे ही रक्तबन्धु हैं, तथा वे उन पूर्वजों के वंशज हैं जो किसी कारण विशेष से धर्मान्तरण के फलस्वरूप हमसे बिछुड़ गए।' मुस्लिम इतिहास के विद्वान् प्रो० लाल ने विभिन्न मुस्लिम तथा भारतीय इतिहासकारों के विचारों को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय मुसलमान का ऐतिहासिक अध्ययन प्रस्तुत किया। भारतीय मुसलमान अस्तित्व में कैसे आए तथा भारत में सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह के रूप में उनका विकास कैसे हुआ? विषय-सूची आमुख, अनुवादक का वक्तव्य, प्रो. किशोरीशरण लाल, भारतीय मुसलमान १. मुसलमानों का प्रारम्भिक काल, २. सल्तनत के शासनकाल में मुसलमानों का उद्भव, ३. मुस्लिम साम्राज्य के अधीनस्थ प्रान्तों में धर्म-प्रचार, ४. मुगलों के शासन-काल में मुस्लिम आबादी की वृद्धि, ५. मुस्लिम आबादी की वृद्धि में सहयोगी उपादान, ६. भारत में इस्लामीकरण के अवरोधक उपादान, उपसंहार, परिशिष्टï।