Hindi Bhasha, Vyakaran Aur Rachna / हिन्दी भाषा, व्याकरण और रचना
Author
: Arjun Tiwari
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Hindi Grammar, Language & Linguistics
Publication Year
: 2010
ISBN
: 9788171247073
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: viii + 460 pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14 Cm.

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आज विश्व की समस्त भाषाओं में हिन्दी सर्वाधिक सरल, सहज भाषा सिद्ध हो चुकी है। यह भारतवासियों की निज भाषा है जिसके सम्यक् शुद्ध-परिशुद्ध ज्ञान के बिना 'हिय का सूल' नहीं मिट सकता। भाषा की प्रगति और साहित्य की प्रूर्ति का आधार व्याकरण होता है। संस्था के संचालन के निमित्त सर्वसम्मत नियम-उपनियम आवश्यक होते हैं। भाषा की चञïचलता, स्वच्छन्दता तथा अराजकता को मिटाने तथा उसे सुव्यवस्थित अनुशासित करने के लिए व्याकरण अपरिहार्य है। पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, भाषा, विभाषा, बोली की खींचातानी में हिन्दी आज भी कुछ सीमा तक अस्थिर अनिश्चय की स्थिति में है जिसके व्याकरण के प्रति गम्भीरता अपेक्षित है। 'हिन्दी भाषा व्याकरण और रचना' रेडीमेड प्रश्नोत्तरी के रूप में उपस्थित कोई पुस्तक नहीं है अपितु यह हिन्दी व्याकरण और रचना का समग्र है जिसका अध्येता भाषा और साहित्य की बारीकियों से सुपरिचित होगा। भाषा एवं हिन्दी भाषा, व्याकरण और रचना-इन तीन खण्डों में विभक्त इस ग्रन्थ में भाषा, हिन्दी, व्याकरण एवं रचना के विविध पक्षों का साङ्गïोपाङ्ग विश्लेषण प्रस्तुत है। विषय-सूची अध्याय (क) भाषा एवं हिन्दी भाषा 1. भाषा और भाषा-विज्ञान, 2. विश्व भाषा परिवार, 3. हिन्दी भाषा (ख) व्याकरण 4. व्याकरण का स्वरूप, 5. ध्वनि-व्यवस्था, वर्णमाला एवं विराम चिह्न, 6. लिपि विकास क्रम और देवनागरी, 7. संज्ञा, 8. सर्वनाम, 9. विशेषण, 10. क्रिया, 11. अव्यय, 12. पद-परिचय, 13. वाक्य-संरचना, 14. रस, 15. अलंकार, 16. छन्द, 17. शब्द-शक्ति, 18. काव्य-दोष (ग) रचना 19. शब्द-विवेक, 20. शब्द-रचना, 21. संक्षेपण, 22. पल्लवन, 23. पत्र-लेखन, 24. प्रशासकीय आलेखन, 25. अपठित, 26. संवाद लेखन, 27. साहित्य का स्वरूप, 28. पत्रकारिता : शीघ्रता में प्रस्तुत साहित्य, 29. साहित्य की विधाएँ, 30. मौखिक संचार