Purusha Purana / पुरुष पुराण
Author
: Viveki Rai
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Hindi Novels / Fiction / Stories
Publication Year
: 2007
ISBN
: 9788189498023
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xvi + 76 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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पुरुष पुराण

'पुरुष पुराण' अर्थात् गाथा एक सूखी चमड़ी की झोरी में भरे मैले कंकाल की, साँस-साँस से 'राम हो!' पुकारते एक शुद्ध सांस्कृतिक पुरुष की, जो बीती सदी में एक दूर देहात में जनमा और वहीं की मिट्टी से चिपका, सन-सफेद बाल, अपने द्विधाहीन भोले विश्वासों की चट्टïन पर अडिग खड़ा है। बहुत सीमित है उसका जीवन-बोध और ज्ञान-अनुभव। पर मूल्य और महत्त्व उतना इसका नहीं कि उसका बताया इतिहास-भूगोल और धर्म कितना सच्चा या यथार्थ है, जितना अपनी जानकारी के सन्दर्भ में उसकी दृढ़ता का है। अवश्य लगता है कि वह जैसे अतीत में कहीं ठहरा हुआ एक प्राणी है; और आधुनिक बोध का अतिरेक उदग्र होकर उसके सारे धराकाश को निरा अन्ध विश्वास पुकार उठना चाहता है। पर भीतर से इसे भी चेतना के स्तर पर पूरा समर्थन इसके लिए मिल पाता है क्या? वास्तव में 'पुरुष पुराण' एक करुण गाथा है पुरानी और नयी पीढिय़ों के विभेद-संघर्ष की जो एक सहज सत्य बना प्रत्येक वर्ग और समाज, महल और झोपड़ी को परिव्याप्त किये हुए है, और जिसमें जीवन का सारा अँधेरा ही नहीं, उजाला भी समाया हुआ है। 'पुरुष पुराण' एक सीधी-सरल-रोचक रचना, किन्तु अर्थवान् और महत्त्वपूर्ण; पीढिय़ों के संघर्ष में उब-डुब करते मानस के लिए तो अनिवार्य।