Hindi Sahitya Ka Vastunishtha Itihas (Part-1) [PB] / हिन्दी साहित्य का वस्तुनिष्ठï इतिहास (खण्ड-1) (दसवीं शताब्दी से उन्नीसवीं शताब्दी तक) [पेपर बैक]
Author
: Kusum Rai
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literature - History
Publication Year
: 2019, 5th Edition
ISBN
: 9789351460619
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xii + 580 Pages, Append, Size : Demy 22.5 X 14.5 Cm

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'हिन्दी साहित्य का वस्तुनिष्ठ इतिहास’ (प्रथम खण्ड-दसवीं से उन्नीसवीं शती तक) सन् 2008 ई० में प्रकाशित हुआ था। वैसे तो इसको आधुनिक काल तक के सम्पूर्ण साहित्य के अध्ययन तक ले जाने का विचार था किन्तु बाद में आकार-प्रकार की विपुलता को देखते हुए इसे दो खण्डों में समेटने का लक्ष्य रखा गया। किन्तु पुन: इसका कलेवर विस्तृत होता देखकर इसका तीन खण्ड कर देने का निश्चय किया गया। द्वितीय खण्ड-आधुनिक काल (1850 से 1920 ई० तक) पहली बार 2012 ई० में ग्रन्थ-रूप में प्रस्तुत हुआ जिसमें सन् 1850 से लेकर 1920 ई० तक की साहित्यिक गतिविधियों को समेटने की कोशिश की गयी और अब यह तीसरा खण्ड-आधुनिक काल (1920 ई० से लेकर अब तक) स्वतन्त्र रूप में पहली बार प्रकाशित हो रहा है जिसमें 1920 ई० से लेकर अब तक की साहित्यिक गतिविधियों को यथासम्भव समग्र रूप में समेटने की कोशिश की गयी है। तृतीय खण्ड में स्वन्दतावाद काल (छायावाद युग 1920 ई० - 1938 ई०) तथा स्वन्दतावादोत्तर काल (1938 ई० से अब तक) की साहित्यिक सामग्रियों को प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है। इसमें काल-विशेष के साहित्यकारों की कालगत रचनाओं का सारगर्भित आकलन किया गया है व कृतिकार तथा उसकी कृतियों का यथोचित विवेचन-विश्लेषण करने हेतु काव्यरूप के साथ काव्य-विधाओं की विकास-प्रक्रिया तथा उनकी प्रवृत्तियों का यथेष्ट ध्यान रखा गया है। लेखिका ने कई वर्षों के अनवरत परिश्रम से हिन्दी साहित्य के इतिहास के वस्तुनिष्ठ अध्ययन की कोशिश की है ताकि हिन्दी साहित्य की अवच्छिन्न परम्परा में तद्विषयक अधिकतम तथा गहनतम जानकारी सम्भव हो सके। इस परिश्रम साध्य कार्य का उद्देश्य अधीत्सु को अधिकाधिक लाभान्वित कराना है। इसमें तथ्यों की सूक्ष्मता से खोज का प्रयत्न है।