Shri Bhagawata-Sudha / श्री भागवत-सुधा
Author
: Karpatri Ji Maharaj
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Adhyatmik (Spiritual & Religious) Literature
Publication Year
: 2023 - 8th Edition
ISBN
: 9AGSBSH
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: X + 302 Pages, Size : Demy i.e. 24 x 16 Cm.

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 श्रीभागवत-सुधा
स्वामी जी के भक्तिपरक व्याख्यान जिन्हें सुनने का सौभाग्य मिला है, उन्हें अनुभव होगा कि कितना डूबकर वे बोलते थे, उन्हें सुधि नहीं रहती थी। उनकी विद्वता, उनकी कठिन साधना और उनका कारयित्री प्रतिभा, इस तीनों की त्रिवेणी जब भक्ति के प्रयाग में मिलती हैं तो उनका सबसे महत्वपूर्ण अवदान है ''भक्ति सुधा'' और ''भागवत सुधा''।
भक्तिसुधा एक प्रकार से प्रस्तुत भागवत सुधा की भूमिका है। भागवत सुधा में आठ पुष्पों में भागवत के कुछ मार्मिक प्रसंगों पर पूज्य स्वामी जी के प्रवचन संकलित है। प्रथम पुष्प में भक्ति के वैदिक और औपनिषद आधारों का गम्भीर विवेचन है। द्वितीय पुष्प में भागवत के जीवनभूत दो श्लोकों की व्याख्या है जिसमें पहला भागवत का प्रथम श्लोक है और दूसरा श्रीकृष्ण के वृन्दावन-प्रवेश का वर्णन करने वाला 'बर्हापी़डम्' श्लोक है। तृतीय पुष्प में भागवत के वक्ता-श्रोता तथा प्रतिपाद्य का विवेचन है। चतुर्थ पुष्प में भागवत के प्रारम्भ की सार्थकता का विवेचन है तथा प्रथम स्कन्ध के कई मार्मिक प्रसंगों का विवेचन है। पंचम पुष्प में द्वितीय और तृतीय के प्रसंग है। षष्ठ पुष्प में सप्तम स्कन्ध के प्रसंग हैं तथा शरणागति का निरूपण है। सातवें पुष्प में वामनावतार का प्रसंग वर्णित हुआ है। आठवें में नवम एवं दशम के चुने हुए प्रसंग सरस ढंग से प्रतिपादित किये गये हैं। ये प्रवचन श्रीवृन्दावन में फाल्गुन शुक्ल द्वादशी से चैत्र कृष्ण चतुर्थी मंगलवार तक संवत् 2037 में दिये थे और ये टेप पर अंकित होते गये थे। उसी टेप के आधार पर इन प्रवचनों को लिपिबद्ध किया गया है। पूज्य स्वामी जी की रससिद्ध वाणी में परिवर्तन करना अपराध होता इसलिए उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उनके प्रारम्भिक प्रतिदिन के मंगलाचरण श्लोक भी ज्यों के त्यों दिये गये हैं केवल यत्र-तत्र सन्दर्भ मूल से मिला दिये गये है।