Bhakti-Kavyadhara (Kabir, Jayasi, Surdas, Tulsidas) / भक्ति-काव्यधारा (कबीर, जायसी, सूरदास, तुलसीदास)
Author
: Hindi Department_BHU
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Hindi Poetical Works / Ghazal etc.
Publication Year
: 2023, 6th Edition
ISBN
: 9788171247615
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xxviii + 164 Pages, Size : Demy i.e. 21.5 x 13.5 C

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Bhakti - Kavyadhara Edited by Hindi Deptt. Banaras Hindu University Varanasi [B. A. First Year First Paper]

हिन्दी साहित्य के इतिहास में भक्ति-साहित्य अप्रतिम है। भक्तिकाल में भाव-जगत् के विस्तार और अनुभूति की गहराई के साथ ही कविता को कलात्मक उत्कर्ष भी प्राप्त हुआ। इसीलिए भक्तिकाल को स्वर्णकाल कहा गया। राजनीतिक उथल-पुथल और सामाजिक विशृंखलता तथा घोर वैषय के उस काल में सन्त और भक्त-कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से भक्ति, प्रेम, बन्धुत्व, समानता और मानवता का सन्देश दिया। दक्षिण से लेकर समूचे उत्तर भारत तक फैले इस भक्ति आन्दोलन ने सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आन्दोलन का रूप ले लिया था। भक्ति आन्दोलन ने बड़े स्तर पर जन-जागरण का कार्य किया। मूलत: धार्मिक आन्दोलन होने के बावजूद इस काल के कवियों ने सामाजिक समस्याओं, रूढिय़ों, कुप्रथाओं और आर्थिक विषमताओं-विपन्नताओं का भी बहुत प्रामाणिक और प्रभावशाली चित्रण किया। ये कविताएँ लोक और परलोक दोनोंं का स्पर्श करती हैं। कबीर, जायसी, सूर और तुलसी इस युग के श्रेष्ठ और प्रतिनिधि कवि हैं। कबीर ने भक्ति-भावना के साथ ही सामाजिक-चेतना-सम्पन्न क्रान्तिकारी रचनाएँ भी कीं। उन्होंने अपने करघे पर रामनाम की झीनी-झीनी चदरिया तो बुनी ही, समाज का भी एक नया ताना-बाना बुनने का प्रयास किया। जायसी ने प्रेम को सर्वोपरि माना और 'रकत की लेई' से टूट रहे समाज को जोडऩे का अनूठा कार्य किया। सूरदास ने भी प्रेम को सर्वोच्च महत्त्व देते हुए भक्ति की पवित्र और सरस-सुगम धारा प्रवाहित की। तुलसीदास ने अपनी श्रेष्ठ रचनाओं के माध्यम से समाज में शील, शक्ति और मर्यादा का आदर्श स्थापित किया। उनका 'रामचरितमानस' एक जीवन्त ग्रन्थ है और भारतीय जीवन में लगातार प्रभावशाली हस्तक्षेप कर रहा है। इन समस्त कवियों की कविताएँ हमारी अमूल्य धरोहर हैं और इस श्रेष्ठ विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाना हमारा उत्तरदायित्व है। इस पुस्तक में संकलित कवियों की चयनित रचनाओं के साथ ही उन कवियों से सम्बद्ध विस्तृत मूल्यांकनपरक आलेख भी दिये जा रहे हैं, जिनसे उनके अध्ययन में सुविधा होगी।