Sombari Maharaj / सोमबारी महाराज (उत्तराखण्ड की अनन्य विभूति)
Author
: Harishchandra Mishra
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Bio/Auto-Biographies - Spiritual Personalities
Publication Year
: 2011 - 3rd Edition
ISBN
: 9788171247813
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 96 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 13.5 Cm.

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सन्त सोमबारी के नाम से सुविख्यात इस मनीषी ने समग्र उत्तराखण्ड को अपनी साधना से गौरवान्वित कर कृतार्थ कर दिया था। इनका जन्म 1860 में, पश्चिमोत्तर सीमा प्रान्त के पिंडदादन नामक स्थान में हुआ था, किन्तु विरक्त वृत्ति के होने से, वे सन् 1890 के लगभग उत्तराखण्ड में आ गये थे और कोसी नदी के काकड़ीघाट के निकट, 'पदमपुरी' में अपना साधना-स्थल (आश्रम) बना लिये थे। उनके पिता पंजाब में सेशन जज थे। सन्त सोमबारी ने हिमालय में अपनी दु:साध्य तपश्चर्या से दैवी संपत्तियों को प्राप्त कर लिया था और एक ऋषि संत शिरोमणि के रूप में प्रतिष्ठित हुए थे। दीन-दुखियों की सहायता करना, कत्र्तव्य-बोध के प्रति प्रेरणा देना, देश-सेवा के प्रति बालकों और युवाओं का उत्साह बढ़ाना, मनुष्यता का संवद्र्धन करना, महापुरुषों का सृजन करना और शीर्षस्थ साहित्यकारों, विद्वानों, ज्योतिर्विदों, समाज-सेवियों एवं देशभक्तों के यश संवद्र्धन में सक्रिय सहयोग देना संत सोमबारी का ही अक्षय कार्य था। प्रस्तुत ग्रन्थ, जहाँ एक ओर, जीवनोक्रर्ष के लिए एक संजीवनी के रूप में प्रमाणित होगा, वहीं दूसरी ओर ऋषि परम्परा के जीवन्त चरित्र-लेखकों एवं इतिहासकारों को प्रेरणा भी देगा।