Kaundhati Anugunjen / कौंधती अनुगूँजे
Author
: Manju Dwivedi
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Poetical Works / Ghazal etc.
Publication Year
: 2012
ISBN
: 9788171248926
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 96 Pages; Size ; Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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'कौंधती अनुगूँजेंÓ की विविध रचनाएँ, कभी अपौराणिक आ?ïयानों को उदï्घाटित करती हैं कभी वर्तमान में परिदृश्ïयों का बखान करती हुई समकालीन घटनाओं का सचित्र वर्णन करती हैं, कभी प्रकृति के सहारे जीवन के अनमोल क्षणों को दर्शाती हैं और कभी महापुरुषों की विशेषताओं से ओत-प्रोत भावनाओं को उकेर देती हैं। जब-जब किसी रोमानी या गैर रोमानी आस्था का प्रस्ïफुटन हुआ, मन उद्वेलित हो उठा, बिजली की तरह, विचार मस्ïितष्ïक में कौंधा, उसकी अनुगूँजें दिन-रात मन-मस्ïितष्ïक पर छायी रहीं। उसे एक धार में प्रवाहित किया तो भाषा की पुष्ïटता ने उसे कविता बना दिया। कविताओं में सिमटते समाज, संवेदनशून्ïयता, असहज प्रणय निवेदन, आकुल-व्ïयाकुल मन की व्ïयथा, नारी मन, फूलों, झरनों, खेतों, बसंती बयार ने कवि मन को झकझोरा और कविता को नव रूप मिला। कविता के माध्ïयम से सामाजिक, सांस्ïकृतिक, नैतिक और प्राकृतिक यथार्थ को उदïï्घाटित करते हुए सामाजिक दायित्ïवों के प्रति सजग रहने के लिए कवि-मन प्रतिबद्ध होता है। नैतिक दायित्ïवों का निर्वहन तथा मनीषियों के सपनों को साकार कर धर्म से अनुप्राणित होकर जीवन जीने की कला एवं वैविध्ïयपूर्ण जीवन शैली से आम जन को ओत-प्रोत कर सकें, यह कवयित्री का उद्देश्ïय है। कविता में भाषा, शिल्ïप, बि?ïब एवं कथ्ïय तथा प्रतीकों को रोजमर्रा के सामान्ïय जीवनचर्या के प्राकृतिक उपादानों जैसे—ऊषाकाल का नवप्रभात, पक्षी, वर्षा, स्ïवप्ïन खेत, गेहूँ की बालियाँ, मोची, पत्थर, उपहार, तस्ïवीर, एहसास, यंत्रणा घर, शहर आदि के ताने-बाने से बुना गया है। कविता बड़ी सहजता से पाठक का मन मोह लेती है, उसके मन को आज की तपिश में जो थकान हो जाती है, उसे क्षण भर में शीतलता का भान करा देती है। मन की स्ïवत:स्ïर्फूत भावना से पूरित कविता ही हृदयग्राही होती है। वही चिन्ïतन को नयी दिशा दे सकती है तथा वही साहित्ïयानुरागियों को रास आयेगी। आज की विप्ïलव भरी जिन्ïदगी में प्रकृति और साहित्ïय का विशेष स्थान है।