Sahitya-Suman (Lalit Nibandha) Bhattaji Ki yaden (Balkrishna Bhatt Ke Sansmaran) [PB] / साहित्य सुमन (ललित निबनन्ध) भट्ट जी की यादें (पं. बालकृष्ण भट्ट के संस्मरण)
Author
: Balkrishna Bhatt
  Braja Mohan Vyas
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Memoirs, Travellogue, Diary, Sketch, Reportes etc.
Publication Year
: 2014
ISBN
: 9789351460510
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xii + 180Pages; Size : Demy i.e. 21.5 x 14.5 Cm.

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भारतेन्दु बाबू हरिश्चन्द्र के समकालीन पं० बालकृष्ण भट्ट वर्तमान युग की हिन्दी के जन्मदाताओं में समझे जाते हैं। वह भारत माता के गत शताब्दि के उन अल्पसंख्यक सुपुत्रों में थे जो किसी न किसी रूप में मातृभूमि के सेवा को अपने जीवन का प्रधान उद्देश्य बना, नर-जन्म के साफल्य का उदाहरण संपादन कर गये हैं। इस गुटिका में जो भट्टजी के लेख संग्रहीत हैं वे उनकी उच्च धारणा और अनाक्रम्य सत्य-प्रियता के प्रतिबिम्ब है; उनकी सार्वलौकिक हित-निष्ठा के साथ ही उनकी असाधारण प्रतिभा और बुद्धि प्रखरता के साक्षी हैं। इनका अध्ययन पाठक को असामान्य मनस्विता के असीम साम्राज्य में ले जाकर अपरिमित मनोज्ञता की सैर कराता है। जिस समय के लिखे हुए यह लेख हैं उस समय का चिन्तन करते सहृदय पाठक के हृदय में लेखक की सुरुचि और प्रवणता की ओर प्रेमाप्लुत श्रद्धा उदिय होती है, और उनका चटकीलापन चित्त में चिर-स्थिरता प्राप्त करता प्रतीत होता है। शैली का यत्किञ्चित् अनोखापन जो यत्र-तत्र पाया जाता है वह भी उनकी उपादेयता को बढ़ाता ही है और एक विशेष कौतूहल का उत्पादक है। इस पुस्तक माला में साहित्य और नीति सम्बन्धी सब 25 लेख के गुच्छे चुन-चुन के सजाये गये हैं। इन लेखों को पढ़कर भट्टजी की लेखनी का पूर्ण स्वाद मिल सकता है। भट्टïजी स्वसम्पादित 32 साल के 'हिन्दी प्रदीपमें स्थान-स्थान पर ये लेख जगमगा चुके हैं। पर इनकी तरोताजगी, चटकीलेपन और रसीलेपन में कहीं से भी वासीपन की गंध नहीं झलकती। भट्टï जी के रसीले पाठक जब ही इनका स्वाद चक्खेंगे कहीं से भी सुगन्ध की कमी इनमें न पावेंगे