Pashchatya Kavyashastra Kosha : Alochana Ka Avadharanamulak Shabda Vidhan / पाश्चात्य काव्यशास्त्र कोश : आलोचना का अवधारणामूलक शब्द-विधान
Author
: Satyadev Mishra
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Dictionaries / Encyclopeadia
Publication Year
: 2019
ISBN
: 9789351461500
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 188 Pages; Vocabulary, Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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पाश्चात्य काव्यशास्त्र कोश (आलोचना का अवधारणामूलक शब्द-विधान)

हिन्दी में कोश कला अत्यन्तत अविकसित स्थिति में रही है। हिन्दी में पारिभाषिक शब्दावली का अब भी अभाव है। पारिभाषिकों के अभाव के कारण ही शास्त्रीय साहित्य निर्माण की प्रक्रिया शिथिल रही है जिससे हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाएँ भी ज्ञान-विज्ञान के नाना अनुशासनों के शिक्षा का माध्यम अब तक नहीं बन पाई हैं। अत: आज की महती आवश्यकता है शास्त्रीय साहित्य के सर्वांगीण विकास की। प्रस्तुत कोश इसी आवश्यकता को दृष्टि-पथ में रखकर तैयार किया गया है ताकि हिन्दी साहित्य और साहित्यशास्त्र के अध्ययन का मार्ग सुगम हो सके।

इस कोश की सार्थकता इस दृष्टि से भी है कि इसमें पाश्चात्य साहित्यिक अवधारणामूलक शब्द-विधान, पद्बन्धों, संकल्पनाओं, चिन्तन-धाराओं, सिद्धान्तों, वादों की व्युत्पत्ति रेखांकित करते हुए उनकी व्याख्या-परिभाषा प्रस्तुत की गई है। अवधारणा के विकास-क्रम में अर्थ-परिवर्तन के संकेत भी यथा-स्थान दिए गए हैं और कहीं-कहीं समानान्तर भारतीय संकल्पनाओं से तुलनात्मक निरूपण भी किया गया है, और कभी-कभी हिन्दी साहित्य में उनके अनुप्रयोग को भी रेखांकित किया गया है। इस कोश में पारिभाषिक शब्दकोश और ज्ञानकोश के समन्वित रूप की प्रतिष्ठा हुई है। हिन्दी साहित्य के एम.ए. और एम.फिल. पाठ्यक्रमों में पाश्चात्य काव्यशास्त्र का एक स्वतन्त्र प्रश्नपत्र लगभग सभी भारतीय विश्वविद्यालयों में पढ़ा पढ़ाया जा रहा है। इसलिए जो अवधारणाएँ अधिक प्रचलित हैं, उनकी व्युत्पत्ति-परिभाषा, विस्तृत व्याख्या इस कोश में प्रस्तुत की गई है तथा जटिलतर अवधारणाओं में निहित मूल संकल्पना की अर्थवत्ता को सुरूपायित करने, परिभाषित करने की कोशिस की गई है।