Mere Police Sewa Ke We Din / मेरे पुलिस सेवा के वे दिन
Author
: Bishwanath Lahiri
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Sociology, Religion & Philosophy
Publication Year
: 1994
ISBN
: 9VPMPSKWDH
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 158 Pages, Size : Demy i.e. 22x 14 Cm.

MRP ₹ 80

Discount 15%

Offer Price ₹ 68

96 वर्षीय विश्वनाथ लाहिरी उन पुलिस अधिकारियों में हैं जिन्होंने सन् 1923 ई० में इण्डियन (इम्पीरियल) पुलिस सेवा में प्रवेश किया और 1953 ई० में आई०जी० के सर्वोच्च पद से अवकाश ग्रहण किया। इस ग्रंथ में श्री लाहिरी जी ने अपनी पुलिस सेवा के यौवन-काल से प्रौढ़-काल तक तथा फिर अन्तिम पग तक जो देखा-सुना, अनुभव किया, अच्छे-बुरे, ईमानदार तथा बेईमान कर्मचारी देखे तथा स्वयं अद?य साहस तथा यौवन-सुलभ तत्परता तथा साहस का परिचय दिया है वह न केवल रोचक, उत्साहवर्धक है बल्कि हर पुलिसजन के लिए उपदेश पूर्ण और माननीय है। आज हमारे देश में प्रशासकीय जीवन तथा राजनैतिक मापदण्ड का स्तर गिरता जा रहा है। जिन्होंने गुलामी का न तो दिन देखा, न उसकी पीड़ा का अनुभव किया है- जो स्वतन्त्र भारत में पैदा हुए और अपने उच्छृंखल तथा स्वार्थमय जीवन से देश की अपार हानि कर रहे हैं, चाहे वे प्रशासन में हों, राजनीति में हों या छात्र वर्ग में, उनको इस पुस्तक को ध्यान से पढऩे से बड़ा आत्मबोध होगा। यदि कुछ में भी कर्तव्यबोध हुआ, चाहे वह साधारण नागरिक हो या पुलिस या प्रशासन के कर्मचारी उसे सही मार्ग पर आने का मार्ग दिखाई पड़ेगा। यह ग्रंथ यों तो आत्म-चरित्र है पर एक सच्चे कर्मनिष्ठ की आत्मकथा भी है।