Vaidika Sahitya Evam Samkrti (Vedic Literature and Culture) / वैदिक साहित्य एवं संस्कृति
Author
: Padmashri Dr. Kapil Deva Dvivedi
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Vedic Literature
Publication Year
: 2018
ISBN
: 9789351461951
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 368 Pages, Index, Biblio., Size : Demy i.e. 22.5 x 14 Cm.

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This is an authentic book on the Vedic literature and Vedic culture. Here the entire literature is discussed throughly along with the Vedic literature. Vedic culture is also discussed. Here the main topics dealt with are Importance of the Vedas. Time of the Vedic literature. The Vedas, Brahman Granthas, Aranyak Granthas, Upnishad, Six part of Veda, Grammar, Kalpsutra etc. Vedic culture Geography, Social life, Economic life, Polity, Vedic grammar, Fine arts and some maxims of science in the Vedas. वेद भारतीय संस्कृति की आत्मा है। विश्व को संस्कृति का ज्ञान देने का श्रेय वेदों को है। वेद विश्व-शान्ति, विश्व-बन्धुत्व, विश्व-कल्याण और सह-अस्तित्व के प्रथम उद्घोषक है। वैदिक-संस्कृति का ज्ञान प्रत्येक मानव के लिए आवश्यक है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह ग्रन्थ लिखा गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ 13 अध्यायों में विभक्त है। इसमें वेद, ब्राह्मïण ग्रन्थ, आरण्यक और उपनिषदों का विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया गया है। साथ ही शिक्षा, व्याकरण, प्रातिशाय, छन्द, निरुक्त, ज्योतिष, श्रौतसूत्र, गृह्यïसूत्र, धर्मशूत्र और शुल्बसूत्रों का भी विस्तृत वर्णन किया गया है। शुल्बसूत्र शुद्ध रूप से ज्यामिति के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं। इनमें पैथागोरस प्रमेय जैसे अनेक महत्त्वपूर्ण प्रमेय दिये गये हैं। भारतीय और पाश्चात्त्य विद्वानों ने वैदिक वाङ्मय की जो महनीय सेवा की है, उसका विस्तृत विवरण दिया गया है। दो अध्यायों में वैदिक संस्कृति का विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसमें वैदिक भूगोल, सामाजिक जीवन, आर्थिक स्थिति और राजनीतिक अवस्था का विशद विवेचन है। ग्रन्थ के अन्त में 'वेदों में विज्ञान के सूत्र' नामक एक अध्याय दिया गया है। इसमें वेदों में वर्णित भौतिकी, रसायनशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, प्रौद्योगिकी, भूगर्भशास्त्र आदि से संबद्ध अनेक महत्त्वपूर्ण तथ्य दिये गये हैं। ग्रन्थ में नवीनतम अनुसंधानों का भी समावेश है। पद्मश्री डॉ० कपिलदेव द्विवेदी की गणना वेदों में मर्मज्ञ विद्वानों में की जाती है। प्रस्तुत ग्रन्थ लेखक के वैदुष्य का परिचायक है। प्रबुद्ध वेदप्रेमी पाठकों के लिए यह बहुमूल्य संग्रहणीय ग्रन्थ है। विषय-सूची : प्रस्तावना, 1. वैदिक साहित्य-समीक्षा, 2. वैदिक संहिताएँ, 3. ब्राह्मïण ग्रन्थ, 4. आरण्यक ग्रन्थ, 5. उपनिषद् ग्रन्थ, 6. वेदाङ्गï, 7. वैदिक संस्कृति : भूगोल एवं सामाजिक जीवन, 8. आर्थिक और राजनीतिक जीवन (क) वैदिक अर्थव्यवस्था, (ख) वैदिक राजनीतिक अवस्था, 9. वैदिक देवों का स्वरूप, 10. वैदिक यज्ञ-मीमांसा, परिशिष्टï : वैदिक व्याकरण, स्वरप्रक्रिया, पदपाठ (वैदिक व्याकरण), 12. वेदों में विज्ञान के सूत्र, 13. वेदों में काव्य-सौन्दर्य और ललित कलाएँ।