Ajatshatru (Historical Drama) / अजातशत्रु (ऐतिहासिक नाटक)
Author
: Ramchandra Tiwari
  Jaishankar Prasad
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Hindi Plays / Drama
Publication Year
: 2014
ISBN
: 9789351460077
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: 116 Pages, Size : Crown i.e. 17.5 x 12 Cm.

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'प्रसाद' के सभी नाटक ('कामना' और 'एक घूँट' को छोड़कर) ऐतिहासिक हैं। अत: ऐतिहासिकता उनके नाटकों की सामान्य विशेषता बन गयी है। प्रसाद ने इतिहास के सूक्ष्मातिसूक्ष्म तथ्यों का ध्यान रखा है। अजातशत्रु (राज्यकाल ई० पूर्व 516 से ई० पूर्व 489 तक) के समय की सबसे महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना जैन और बौद्ध धर्मों के उदय के माध्यम से होने वाली धार्मिक क्रांति थी। वैदिक हिंसापूर्ण यज्ञों और पुरोहितों के एकाधिपत्य के विरुद्ध पहले जैन धर्म का उदय हुआ। यह हिंसा की प्रतिक्रिया में पूर्ण हिंसावादी धर्म था। इसका हिंसावाद अतिवाद की सीमा तक पहुँच गया था। वैदिक हिंसा और जैनियों की अतिवादी हिंसा के बीच से मध्यम मार्ग निकालते हुए गौतम बुद्ध ने अपने करुणा प्रधान आचरणनिष्ठ धर्म का प्रचार किया। नाटक के सभी प्रमुख पात्र ऐतिहासिक हैं, अजातशत्रु नाटक का केन्द्रीय पात्र है। उसे नायक कहा जा सकता है, गौतम बुद्ध उस काल के युग-विधायक महापुरुष हैं, बिम्बसार मगध का सम्राट है, प्रसेनजित् कोशल के सम्राट हैं, विरुद्धक कोशल का राजकुमार है। बन्धुल कोशल का वीर सेनापति महाराज प्रसेनजित् के प्रति पूरी तरह निष्ठावान है, उदयन कौशाम्बी का राजा और मगध सम्राट बिम्बसार का जामाता है, उससे अजातशत्रु की बहिन 'पद्मावती' का ब्याह हुआ था। वासवदत्ता (उज्जैन की राजकुमारी) और मागन्धी उसकी अनन्य रानियाँ थी। 'अजातशत्रु' नाटक के सभी नारी-पात्रों में 'मल्लिका' का सर्वथा अलग स्थान है। वह 'प्रसाद की सर्वोत्कृष्ट सृष्टि है' मागन्धी 'अजातशत्रु' नाटक में सर्वाधिक उतार-चढ़ाव भरा चरित्र मागन्धी का है, वासवी मगध सम्राट् बिम्बसार की बड़ी रानी है, वासवदत्ता कौशाम्बी नरेश उदयन की बड़ी रानी है। नाटक में वह बहुत थोड़े समय के लिए हमारे सामने आती है। पद्मावती मगध की राजकुमारी और महाराज उदयन की मझली रानी है, छलना और शक्तिमती लगभग एक ही प्रवृत्ति के दो नारी-पात्र हैं।