Mahamanav Mahavir (Biographical Essay) / महामानव महावीर
Author
: Bhanu Shankar Mehta
  Gunwant Shah
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Bio/Auto-Biographies - Spiritual Personalities
Publication Year
: 1987
ISBN
: 9VPMMH
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xvi + 114 Pages, Size : Crown 18 x 12.5 Cm.

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महावीर माने आज से 2500 वर्ष पूर्व खिला विश्ववाटिका एक महमहाता पुष्प। एक दिन ऐसा आयेगा जब जीवहिंसा करना सामाजिक असभ्यता मानी जायगी। हिंसा-हिंसा को पाप-पुण्य के तराजू पर नहीं, पर अस्तित्व की गिनती और सुखशान्ति की त्रैराशिक पर तौलना होगा। जो स्वामित्व छोड़े वही सच्चा स्वामी है। अपने शरीर को पीड़ा देना भी हिंसा है और किसी का अहित सोचना भी हिंसा है। इस प्रकार जीना जिससे ब्रह्मïाण्ड में कम व्यवधान हो और गुंजन की लय टूटे नहीं। दुनिया के तमाम धर्मों की प्रयोगशाला माने भारत। जीव पर दया करना अपने पर दया करने के बराबर है। रेनकोट पर से बरसात का पानी बह जाय उसी प्रकार साधुओं के प्रवचन गृहस्थों के सिर से गुजर जाते हैं।