Samaj Darshan Ki Bhoomika / समाज दर्शन की भूमिका
Author
: Jagdish Sahai Srivastava
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Sociology, Religion & Philosophy
Publication Year
: 2002
ISBN
: 8171243118
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xii + 452 Pages, Index, Size : Demy i.e. 21 x 13 Cm.

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'समाज-दर्शन की भूमिका'

हिन्दी में मौलिक रूप से लिखी गयी अपने विषय की प्रथम कृति है। सरल तथा प्रवाहपूर्ण शैली में लेखक ने इस कृति में समाज-दर्शन की प्रमुख समस्याओं एवं महत्त्वपूर्ण प्रवृत्तियों का ऐतिहासिक, वैज्ञानिक तथा मूल्यात्मक विवेचन प्रस्तुत किया है। समाज, परिवार, राज्य, सम्पत्ति, न्याय, अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध, सभ्यता, संस्कृति, धर्म इत्यादि समस्याओं की वैज्ञानिक एवं निष्पक्ष व्याख्या इस पुस्तक में है। इसी प्रकार पूँजीवाद, समाजवाद, साम्यवाद, गाँधीवाद, एकात्म-मानववाद, व्यक्तिवाद, राष्ट्रवाद, अन्तर्राष्ट्रीयवाद, कट्टïरवाद-उदारवाद, धाॢमक श्रेष्ठतावाद, धर्मनिरपेक्षतावाद, एक संस्कृतिवाद-बहुसंस्कृतिवाद इत्यादि विभिन्न सामाजिक विचारधाराओं का सम्यक्, निर्भीक एवं दार्शनिक विश्लेषण लेखक ने प्रस्तुत किया है। विद्वान् लेखक का विचार है कि दार्शनिकों का काम केवल चिन्तन और मनन करना नहीं है वरन् उन्हें सक्रिय रूप से व्यावहारिक जीवन में भी प्रवेश करना चाहिए।