Kahin Door Jab Din Dhale / कहीं दूर जब दिन ढले (ललित निबन्ध)
Author
: Bhanu Shankar Mehta
  Gunwant Shah
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 1985
ISBN
: 9VPKDJDDH
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 132 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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अनुक्रमणिका : 1. अन्तर्मम विकसित करो / 2. वन, पवन और और पर्यावरण / 3. संसार का सबसे विचित्र प्राणी : मनुष्य / 4. प्रसन्नता के पौधे पर उगता है स्मित का पुष्प / 5. काॢडयोग्राम में दाग / 6. नाव में नदिया डूबी जाय / 7. कायस्थ हैं पर स्वस्थ नहीं / 8. तुलसीदास का शासन / 9. मानव अस्तित्व की विराट श्मशान यात्रा / 10. अस्वच्छता : हमारी राष्ट्रीय बीमारी / 11. अब श्रवण युग आ रहा है / 12. रोज-रोज होती एक स?पूर्ण क्रान्ति / 13. बाँस की तीन मुद्राएँ / 14. पाँच किलो प्रेम : एक लीटर करुणा / 15. मरियम के खेत की प्रतीक्षा / 16. जीने की आदत / 17. हमारा स्वराज्य झपट लेते पड़ोसी / 18. एरियल पर झूमते शब्दों के झुमके / 19. तनी हुई प्रत्यंचा जैसा जीवन / 20. अप्रगट निष्ठुरता की किरचें / 21. अपढ़ सरस्वती / 22. प्रेम का षड्यन्त्र रचनी ऋतु / 23. अस्तित्व को आ गया झोंका / 24. नेता का अनुसरण करते डिब्बे / 25. व्यवस्थित घोटाले का काव्य / 26. काँच के कैदखाने / 27. खरगोश की तरह दौड़ते वर्ष / 28. आशीर्वाद का शीर्षासन माने अभिशाप / 29. पुष्पों का अनाथाश्रम / 30. वन, पवन और जीवन की धड़कने / 31. परोपकार, अंडर सॢटफिकेट ऑफ पोस्टिग / 32. वर्षा ऋतु के भूले बिसरे पात्र / 33. अभी भी न जागे मेरे आत्माराम / 34. जीवन, एक विमानयात्रा / 35. बिना दीवारों के कैदखाने / 36. फेन-फेन ही धुंवा बन जाते सपने / 37. कहींं दूर जब दिन ढले / 38. बर्फ से पिघलती धूप / 39. भरी बरसात में कोरा रहे वह व्यवहार कुशल / 40. कोयल की कुहुक जहाँ पहुँचे वहाँ / 41. जीवन बोझ है या उत्सव ? 42. घर-घर ब्लड-प्रेशर / 43. अवांछित बुढ़ापा / 44. आदमी : दो पैर का जानवर / 45. पलीते में लगी चिन्गारी / 46. बहते क्षणों की सरिता