Khabar Ki Aukat / खबर की औकात
Author
: Bachchan Singh (Journalist)
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Hindi Novels / Fiction / Stories
Publication Year
: 2005
ISBN
: 8171244068
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 334 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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पत्रकारिता जगत के अँधेरे कोटरों के बन्द द्वार खोलता है यह उपन्यास। द्वार ही नहीं खोलता। उन कोटरों में प्रवेश करता है और जो चीजें कोने-अतरे छिपाकर रखी गई होती हैं उन्हें बाहर निकाल कर फैला देता है। पत्रकारिता की दुनिया भी कम रहस्यमय नहीं है लेकिन यह रहस्य तिलिस्मी संसार की तरह लगभग अभेद्य परतों के भीतर छिपा कर रखा गया है। इस मोटी तह को भेदने की हिम्मत बड़े-बड़े महारथियों में नहीं है-उन महारथियों में भी नहीं जो गले तक दलदल में डूबे हुए भी दूसरों की अन्दरूनी दुनियां पर सर संधान किया करते हैं। राजनीतिज्ञ तो इधर ताक-झाँक करने की हिम्मत जुटा ही नहीं पाते, हिन्दी जगत की मोटी मुर्गियाँ भी हाथ में पिसान लगाकर भण्डारी बनने की जुगत में ही लगी रहती हैं। किसी को दलित और स्त्री विमर्श की चिन्ता सताए हुए है तो कोई हिन्दुत्व के मुद्दे को लेकर ही दुबला हुआ जा रहा है। लेकिन यह सब सिर्फ ल?फाजी के स्तर पर ही हो रहा है। यह ल?फाजी लिखित हो या मौखिक। ऐसे मठाधीश खुद तो विलासिता में डूबे हुए हैं, दूसरों को प्रवचन देकर सन्तुष्ट हो जाते हैं-गटर गंगा के बादशाहों की तरह। मीडिया का बहुत बड़ा क्षेत्र है। इतना बड़ा की उसे नाप पाना बेहद कठिन है। लगभग असम्भव। लेकिन उसे टुकड़ों में जी सकते हैं। यह उपन्यास इस दिशा में किया गया एक छोटा सा प्रयास है। इसकी सफलता से जुड़ा हुआ है अगला प्रयास जो मीडिया-सत्य के उद्घाटन का मजबूत आधार हो सकता है। यह उपन्यास पत्रकारों तथा पत्रकारिता के छात्रों के लिए भी पठनीय है।