Annapurnanand Rachnawali / अन्नपूर्णानन्द रचनावली
Author
: Annapurnanand
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Hindi Satire, Humour, Cartoons etc.
Publication Year
: 1989
ISBN
: 8171240542
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xviii + 436 Pages, Append., Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.

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अन्नपूर्णानन्द रचनावली में हिन्दी के हास्य-रस सम्राट श्री अन्नपूर्णान्नद की उपलब्ध सभी कृतियों का संकलन है। इनकी कृतियों के सम्बन्ध में अनेक विद्वान लेखकों ने समय-समय पर अपने विचार प्रकट किये हैं। उनमें से कुछ को हम यहाँ अधृत कर रहे हैं - 'जिराफत उसको कहना चाहिए जो लक्ष्मीभूत जन या जनसमुदाय को भी हँसा दे - 'मेरी हजामत' और 'मगन रहु चोला' नामक पुस्तकों के अधिकांश में मुझे विशुद्ध और पारिमार्जित हास्य ही के दर्शन हुए। अतएव लेखक को बधाई'। - महावीर प्रसाद द्विवेदी 'मंगलमोद'-पुस्तक मैं पूरी पढ़ गया। शुरू करने में देर हुई जरूर, मगर इन्तजार का मजा वस्ल में आया। खूब आया, ऐसा आया की अभी तक आ रहा है और आगे भी अर्से तक आता रहेगा। मजा हो तो ऐसा हो। पुस्तक पर यदि ह्दय के सारे भाव लिखूँ तो आप अतिशयोक्ति मानेंगे। - शिवपूजन सहाय हास्यरस में आप की ख्याति हो गयी। इस पुस्तक से वह और विस्तृत और उज्जवल हो गयी है। पुस्तक पढऩे से यह ज्ञात होता है कि गद्य में ही नही पद्य में भी आप हास्य रस की सरल रचनाएँ कर सकते हैं। बधाई दे रहा हूँ। - हरिऔध