Dhvanyaloka (with Deepshikha Commentary) / ध्वन्यालोक: (दीपशिखाटीकासहित:) [श्रीमदानन्दवर्धनाचार्यविरचितो]
Author
: Chandika Prasad Shukla
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Sanskrit Literature
Publication Year
: 2014
ISBN
: 9789351460671
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xxxxiv + 388 Pages, Append., Size : Demy i.e. 21.5 x 13.5 Cm.

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(Deepshikha Tika Sahit) [Shrimadanandavardhanacharyavirachito]

संस्कृत साहित्यशास्त्र में युगप्रवर्तक ग्रन्थ ध्वन्यालोक 'काव्यालोकÓ तथा 'सहृदयालोकÓ नाम से भी आचार्यों द्वारा उल्लिखित हुआ है। साहित्यशास्त्र में इस ग्रन्थ का वही स्थान है जो व्याकरणशास्त्र में पाणिनी की अष्टाध्यायी का तथा वेदान्तदर्शन में बादरायण के ब्रह्मïसूत्रों का। इस महान् ग्रन्थ में जिन सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया गया है, उन्हीं का समर्थन, व्याख्यान एवं अनुसरण अभिनवगुप्त, मम्मट, हेमचन्द्र, विश्वनाथ तथा पण्डितराज जगन्नाथ आदि धुरीण साहित्यमनीषियों ने किया। इस ग्रन्थरत्न ने पूर्वप्रचलित रस-गुण-रीति-अलङ्कïार आदि काव्याङ्गïों का समुचित मूल्याङ्कïन कर काव्य में उनके उचित स्थान की व्यवस्था दी तथा काव्य के वास्तविक सौन्दर्य को परखने की चिरसत्य दृष्टि दी। पण्डितराज जगन्नाथ के शब्दों में—'ध्वनिकृताम-लङ्कïारसरणि-व्यवस्थापकत्वात्॥Ó ध्वन्यालोक में कुल चार उद्योत हैं तथा सम्पूर्ण ग्रन्थ में कारिका, वृत्ति एवं उदाहरण तीन भाग हैं।