Maharashtra Ke Sant Mahatma / महाराष्ट्र के संत महात्मा
Author
: N.V. Sapre
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Bio/Auto-Biographies - Spiritual Personalities
Publication Year
: 2017
ISBN
: 9788189498788
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 188 Pages, Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.

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In This Book : Bhakta Pundalik, Sant Gyaneshwar, Sant Namdev, Sant Goroba, Sant Janabai, Sant Kanhopatra, Sant Shir Sonamaharaj, Sant Chokhamela, Sant Bhanudas, Sant Eknath, Sant Tukaram, Sant Bahinabai, Sant Ramdas, Sant Gajanan Maharaj, Shirdi Ke Sai Baba<br /><br />13वीं शताब्दी के अंत में, मुगलों के बार-बार आक्रमण तथा बाद में उनके शासनकाल में महाराष्टï्र में हिन्दू धर्म की तेजस्विता समाप्त होने लगी थी। एक ओर तो समाज रूढि़वादी परम्पराओं से आतंकित था तो दूसरी ओर मुगल मराठों के साथ-साथ उनका हिन्दू धर्म, उनकी प्राचीन परम्पराएँ तथा उसकी अस्मिता को ध्वस्त करने के लिये कृतसंकल्प थे। इस विषम परिस्थिति में ज्ञानेश्वर, नामदेव, एकनाथ, तुकाराम आदि संतों ने महाराष्टï्र को सांस्कृतिक विनाश से बचा लिया। ज्ञानेश्वर और नामदेव ने वारकरी पंथ का प्रचार किया और उसे उत्तरी भारत में सुदूर पंजाब तक फैलाया। तुकाराम ने बताया कि शोषित और पीडि़त की कोई जाति नहीं होती। शिवाजी जैसे शासक महापुरुष ने तुकाराम से आशीर्वाद ग्रहण किया, रामदास तो उनके राजनीतिक गुरु ही थे। ज्ञानेश्वर और नामदेव के काल में अध्यात्म के क्षेत्र में मानों जनतंत्र शुरू हो गया व प्रत्येक जाति में संत पैदा हुए। ज्ञानेश्वर और नामदेव ने वारकरी स?प्रदाय की जो राह दिखायी उस पर कालान्तर में कबीर और नानकदेव भी चले और अनन्य कितने ही संत उनका अनुगमन कर रहे हैं। महाराष्टï्र के संतों ने महाराष्टï्र की जनता में आत्मविश्वास तथा दलित समाज में चेतना का सृजन किया। ऐसे संतों की प्रेरणास्पद जीवन-गाथा।