Navswachhandatavad (Criticism) / नवस्वच्छन्दतावाद
Author
: Ajab Singh
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 1987
ISBN
: 9VPNAVSWACHHH
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xiv + 226 Pages, biblio, Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.

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स्वच्छन्दतावाद तथा यथार्थवाद के समन्वय से नवस्वच्छन्दतावाद का सृजन होता है। हिन्दी आलोचना के क्षेत्र में नवस्वच्छन्दतावाद का प्रचलन अभी पूर्ण रुप से नहीं हुआ है। प्रस्तुत ग्रन्थ में साहित्य तथा समीक्षा के क्षेत्र में इस अवधारणा का सैद्धान्तिक तथा ऐतिहासिक अध्ययन प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। सैद्धान्तिक आलोचना के क्षेत्र में नवस्वच्छन्दतावाद एक प्रस्तावना कृति है और प्रमाण कृति भी। इसमें नवस्वच्छन्दतावाद के सैद्धान्तिक आधार, प्रेरक तत्त्व, नवोन्मेष, माक्र्सवादी संदर्भ, सामाजिक धरातल, मनोवैज्ञानिक भूमिका और नियामक संरचना की तर्क-सम्मत व्याख् या की गयी है। आलोचक ने युंग, लुकाच, अर्नेष्ट फिशर तथा मायकेल लोई की सामाजिक दृष्टि पर विचार करते हुए भारत की ऐतिहासिकता को दृष्टिगत रखा है। स्वछन्दतावाद यथार्थवाद और परम्परावाद की समन्वित अन्तर्दृष्टि के रूप में समर्थ और सार्थक व्याख्या करते हुए स्वच्छन्दतावाद को गम्भीर, विशद, व्यापक और नूतन संदर्भ प्रदान करने के क्रम में यह पुस्तक महत्वपूर्ण भूमिका प्रस्तुत करती है।