Hindi Mein Anekarthata Ka Anushilan / हिन्दी में अनेकार्थता का अनुशीलन
Author
: Tribhuvan Ojha
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Grammar, Language & Linguistics
Publication Year
: 1994
ISBN
: 8171241247
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xviii + 204 Pages, Biblio., Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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इस पुस्तक में भाषा शास्त्र के गहन तथ्यों का विवेचन बड़ी स्पष्टता के साथ किया गया है। —भाषा-शैली और स्थापना की दृष्टि से यह ग्रन्थ उच्चकोटि का है। डॉ० प्रबोधनारायण ङ्क्षसह अनेकार्थता विषयक भाषा वैज्ञानिक अध्ययन एवं अनुसंधान प्रक्रिया की उपयुक्तता, शोध सामग्री के संकलन और वर्गीकरण का औचित्य, तथ्यों के प्रतिपादन एवं अनेकार्थता विषयक सिद्धान्तों का समुचित उपस्थापन, तर्कपुरस्सर विवेचन-विश्लेषण की पद्धति भाषा की प्रासादिकता एवं प्रांजलता इस पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ हैं।Ó डॉ० ब्रजमोहन पाण्डेय 'नलिनÓ 'हिन्दी में अनेकार्थता का अनुशीलन अपने विषय का एक ठोस, ग?भीर और मौलिक ग्रन्थ है। इसकी भाषा प्रांजल और सामाजिक है, वैज्ञानिक शोध के अनुरूप और उपयुक्त।Ó डॉ० दिनेश्वरप्रसाद, डी०लिट्० हिन्दी में उपलब्ध अनेकार्थता का विवेचन, विश्लेषण, वर्गीकरण एवं इसके कारणों, प्रकारों और भाषागत आर्थी प्रभावोंं का निर्वचन ही इस पुस्तक का मु?य लक्ष्य रहा है। हिन्दी की अभिव्यक्ति-क्षमता और भाषा सामथ्र्य को रेखांकित करने का एक प्रयास।