Raghuvir Sahai Ki Kavyanubhuti Aur Kavya Bhasha / रघुवीर सहाय की काव्यानुभूति और काव्यभाषा
Author
: Anantkeerti Tiwari
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 1996
ISBN
: 8171241735
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 132 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14 Cm.

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रघुवीर सहाय स्वातन्त्र्योत्तर हिन्दी साहित्य के एक महत्त्वपूर्ण कवि, लेखक एवं विचारक हैं। उनके लेखन में साहित्य और समाज के बुनियादी सरोकारों पर खास बल दिखायी देता है। कविता को कला का नहीं जीवन का पर्याय मानने वाले रघुवीर सहाय की काव्य चिन्ता सहज, सजीव और ठेठ मध्यवर्गीय भारतीय जिन्दगी की चिन्ता है। उनकी कविता देश, समाज, राजनीति और संस्थाओं की मूल चेतना और भारतीय परिवेश में उनकी वर्तमान चेतना के विरोधाभास को उजागर करती है। रघुवीर सहाय व्यंग्य और विसंगति की भाषा को जो सहजता प्रदान करते हैं और उससे जो अनेकायामी अर्थ छवि उद्घाटित होती है, उससे उनकी कविता समकालीनों में अलग दिखने लगती है। जटिल यथार्थ को उसकी समग्रता में पकडऩे तथा अभिव्यक्ति करने की क्षमता रघुवीर सहाय की मुख्य विशेषता है। प्रस्तुत पुस्तक में रघुवीर सहाय की कविता को उसकी समग्रता में मूल्यांकित, विश्लेषित करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक में कवि की काव्य विषयक मान्यताओं, उसकी कविता की विकासात्मक यात्रा, उसकी कविता में राजनीतिक एवं सामाजिक चेतना तथा उसकी काव्य-भाषा का अध्ययन किया गया है। यह पुस्तक रघुवीर सहाय की कविता के मुख्य सरोकारों से हमारा हमारा साक्षात्कार कराती है। सपाटबयानी, बिम्बात्मकता, व्यंग्यधॢमता, विसंगति और विडम्बना, नाटकीयता आदि इनकी काव्य भाषा के मुख्य तत्त्वों को रेखांकित करते हुए यह पुस्तक रघुवीर सहाय के काव्य-विवेक से हमारा परिचय कराती है। नयी कविता और रघुवीर सहाय में दिलचस्पी रखने वाले पाठकों के लिए यह पुस्तक नि:सन्देह उपयोगी सिद्ध होगी।