Vaksiddhi / वाकसिद्धि
Author
: Kalyanmal Lodha
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: History, Art & Culture
Publication Year
: 2001
ISBN
: 8171242693
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 128 Pages, Biblio., Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.

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काल प्रवाह में इतिहास बोध नए क्षितिज उद्घाटित करता है। उसमें न कहीं अतीत है, न वर्तमान और न भविष्य। वह तो मानव-जीवन के विकास का नूतन और अव्याहत पक्ष है। साहित्य की संस्कृति समाज के साथ अविच्छिन्न और अपरिहार्य रूप से ग्रथित है। उसमें कहीं विश्लेष नहीं है। रचनाकार की मानसिकता कभी और कहीं भी सामाजिक मानसिकता से पृथक् और भिन्न नहीं होती। वैयक्तिक भावभूमि भी अपने मूल रूप में समाज से ही विन्यस्त है। आज साहित्य का मूल्यांकन इसी कारण समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, मिथकीय विधान और नृतत्त्व-विज्ञान से मानवीय मूल्यों पर आधृत है। कलात्मक सृजन भावभूमि की नई अर्थवत्ता के साथ-साथ सौन्दर्य चेतना की नई जीवनदृष्टिï प्राप्त करता है। समाज के संप्रेक्ष्य में काव्य जीवन की अन्त: यात्रा है। इसी से कवि-कर्म एक ओर संवेदनात्मक है, तो दूसरी ओर चिन्तनपरक ?ाी। वह अकथित का कथन करता है और उसका चिन्तक पृच्छापथ का यात्री है। प्रौढ़ रचना प्रक्रिया में दोनों अभेद हो जाते हैं। यही वाक्पथ है एवं उसकी सार्थकता भी।