Hindi Sant Kavya : Samajshastriya Addhyayan / हिन्दी सन्त काव्य : समाजशास्त्रीय अध्ययन
Author
: Vasudeo Singh
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Adhyatmik (Spiritual & Religious) Literature
Publication Year
: 2001
ISBN
: 8171242936
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 320 Pages, Biblio., Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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हिन्ïदी संत काव्ïय मूलत: भारतीय चिन्ïतन की स्ïवाभाविक अभिव्ïयक्ति है, सहस्रों वर्षों की आध्ïयात्ïिमक चिन्ïता का प्रतिफलन है तथापि इसको व्ïयापक स्वरूप प्रदान करने का श्रेय तत्ïकालीन सामाजिक अव्ïयवस्था है। वस्ïतुत: सामाजिक दृष्ïिट से यह न्ïयाय और समानता का आंदोलन है। वर्णाश्रम-व्ïयवस्था में पिसती, ऊँच-नीच की भेद-भावना में कराहती तथा-कथित अस्ïपृश्ïय समझी जाने वाली जाति का आन्ïदोलन है, जो वर्ग-वैषम्य के अन्ïयायपूर्ण जुए को उतार फेंकने के लिए व्ïयाकुल हो रही थी। संत-काव्ïय मूलत: लोकजीवन का काव्ïय है, जिसमें समाज के दलित-उपेक्षित-शोषित वर्ग की पीड़ा और उसकी इच्छा-आकांक्षाओं को मुखरित किया गया है; धर्म के नाम पर समाज में व्ïयाप्ïत कुरीतियों, बाह्यïाचारों और पाखण्ïडों पर तीखा प्रहार किया गया है, मनुष्ïय-मनुष्ïय में भेद उत्ïपन्ïन करने वाली मिथ्ïया चहारदीवारी को भग्ïन किया गया है, मुल्ïला-पुरोहितों के प्रभुत्ïव की धज्ïिजयाँ उड़ाई गई हैं, समता, बन्ïधुत्ïव-भावना और मानवतावाद का शंखनाद किया गया है, नागर-संस्ïकृति की अपेक्षा बहुसंख्ïयक ग्राम-समाज