Tantra Aur Agamshastron Ka Digdarshan / तन्त्र और आगम शास्त्रों का दिग्दर्शन
Author
: Gopinath Kaviraj
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Gopinath Kaviraj Literature
Publication Year
: 2003
ISBN
: 8OTTAAKDH
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 72 Pages, Size : Demy i.e. 22 X 13.5 Cm.

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प्रस्तुत ग्रन्थ की उपयोगिता का एकमात्र प्रमाण पारगामी विद्वन्मूर्धन्य मनीषी डॉ० कविराजजी का नाम ही है। यही नहीं कि डॉ० कविराजजी भारतीय विद्या के अद्वितीय व्यक्तित्व थे, प्रत्युत तन्त्र-साधना और सैद्धान्तिक ज्ञान के अगाध पारावार भी थे। अत: यह लघुकाय ग्रन्थ एवं इस प्रकार के दूसरे ग्रन्थ भी मूल तन्त्रशास्त्रों के समान परमग्राह्य प्रमाणभूत शास्त्र हैं। इससे अधिक कुछ कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान ही होगा। पाठक एवं जिज्ञासु साधक इस लघुकाय ग्रन्थ से तन्त्र के सन्दर्भ में तान्त्रिक आगमशास्त्रों का आन्तर-बाह्यï ज्ञान प्राथमिक ज्ञान के रूप में उपलब्ध कर सकेंगे। तान्त्रिक आगमों का यह समन्वित ज्ञान पूर्ण है, इसमें कहीं एकांगिता अथवा अपूर्णता नहीं है। इस विशेषता के कारण ही इस ग्रन्थ की अपनी महत्त्वपूर्ण उपयोगिता सिद्ध होती है।