Tathagat / तथागत (आत्मकथात्मक उपन्यास)
Author
: Baburam Tripathi
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Bio/Auto-Biographies - Spiritual Personalities
Publication Year
: 2008
ISBN
: 9788189498245
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xii + 100 Pages, Size : 22.5 x 14.5 Cm.
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''यशोधरे! महान् उद्देश्य के लिए त्याग तो करना ही पड़ता है और उसमें व्यक्ति को प्रमाद भी नहीं करना चाहिए। मानता हूँ कि एक ओर मैं संसार को दु:खों से मुक्ति दिलवाने का उपाय खोज रहा हूँ और दूसरी ओर मैंने कपिलवस्तु को दु:खों के सागर में डूबने-उतराने के लिए छोड़ दिया है, पर इसी के साथ यह भी सच है कि समष्टि-हित के यज्ञ में व्यक्तिगत हितों की आहुति तो देनी ही पड़ती है।'
प्रस्तुत उपन्यास में भगवान् बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित उन्हीं प्रमुख घटनाओं का निरूपण हुआ है, जिनसे मानव-मूल्यों को सम्बल मिला है। जहाँ हंस-विवाद की घटना से अङ्क्षहसा को महत्त्व मिला, वहीं जरा, व्याधि एवं मृत्यु जैसे दृश्यों से तथागत को संसार की अनित्यता का ज्ञान हुआ, जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने संसार को दु:खों से छुटकारा दिलाने के लिए अमृत-तत्त्व की खोज में महाभिनिष्क्रमण किया। तथागत ने सम्बोधि-प्राप्ति के बाद संसार का ध्यान इस तथ्य की ओर आकृष्ट किया कि दु:ख के कारण राग, द्वेष, मोह, ईष्र्या, काम, क्रोध आदि क्लेश हैं, जिनसे मनुष्य के कर्म प्रेरित होते हैं। बिना इन क्लेशों का नाश किये दु:खों से छुटकारा पाना असम्भव है।
भगवान् बुद्ध के महनीय व्यक्तित्व और उनके द्वारा प्रवेदित बौद्ध धर्म की विशेषताओं की ओर जनमानस का ध्यान आकृष्ट करना 'तथागतÓ उपन्यास का अभिप्रेत है। उपन्यास का शिल्प सामान्य शिल्प से कुछ हटकर है। इसमें पूर्वदीप्ति के माध्यम से भगवान् बुद्ध ने स्वयं अपने अतीत का मूल्यांकन किया है। इसके अतिरिक्त उपन्यास के कथानक की बुनावट में लेखक का यह प्रयास रहा है कि उस महामानव के सर्वमान्य महनीय स्वरूप में कहीं आँच न आये। इसके साथ ही बौद्ध धर्म की प्रकृति को संकीर्ण टीका-टिप्पणी से परे रखने की भी कोशिश की गयी है।
'तथागत' उपन्यास भगवान् बुद्ध के चरित्र एवं उनके उपदेशों की प्रासंगिकता पर जनमानस का ध्यान आकॢषत करने का एक सार्थक प्रयास है।