Bhojapuri Aur Hindi [PB] / भोजपुरी और हिन्दी [पेपर बैक]
					
					 
					Author
						: Shukdeo Singh
						Language
						: Hindi
						Book Type
						: Reference Book
						Category
						: Dictionaries / Encyclopeadia
						
						Publication Year
						: 2009
						ISBN
						: 9788171246724
						Binding Type
						: Paper Back
						Bibliography
						: viii + 284 Pages, Biblio., Size : Demy i.e 21.5 x 14 Cm.
						MRP ₹ 175
Discount 15%
Offer Price ₹ 149
						भोजपुरी का सीधा सम्बन्ध लोक जीवन से है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार या उससे आगे के विस्तृत क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन में भोजपुरी रची-बसी है। शब्दों, लोकोक्तियों और मुहावरों के मामले में हिन्दी से भी ज्यादा समृद्ध है भोजपुरी। इसी से बोलचाल के देशज शब्दों को लेकर हिन्दी ने अपना खजाना भरा है और भरती जा रही है। हाँ, कुछ लेखक अवश्य ऐसे हैं जो अंगे्रेजी के शब्दों का तो धड़ल्ले से प्रयोग करते हैं लेकिन देशज शब्दों से परहेज करते हैं। भोजपुरी के कुछ शब्द और कुछ लोकोक्तियाँ ऐसे सटीक अर्थ देती हैं, जो किसी भाषा में नसीब न हो। लेकिन चिन्ता की बात यह है कि विकास और शहरीकरण के कारण भोजपुरी की शब्द-सम्पदा धीरे-धीरे क्षीण होती जा रही है। नयी पीढ़ी के युवक तो गिटपिटिया अंग्रेजी में बोलने में गर्व महसूस करते हैं। उन्हें भोजपुरी बोलने में हीनता महसूस होती है जबकि उनका जन्म भोजपुरी धरती और परिवेश में हुआ रहता है।
हिन्दी के प्रकाण्ड विद्वान डॉ० शुकदेव ङ्क्षसह ने भोजपुरी के उन शब्दों, लोकोक्तियों और मुहावरों को सहेजने का प्रयास इस पुस्तक में किया है जो या तो विलुप्त हो गए हैं या विलुप्त होने की कगार पर खड़े हैं। लोक जीवन ने रोजमर्रा की जिन्दगी में प्रयुक्त होने वाले ऐसे-ऐसे शब्द गढ़े हैं कि उनकी मेधा और क्षमता पर आश्चर्य होता है। इन शब्दों से हिन्दी को व्यापक समृद्धि मिल सकती है। यह पुस्तक इसी दिशा में किया गया एक सार्थक और कारगर प्रयास है जो निश्चित रूप से हिन्दी के अध्येताओं, रचनाकारों और लेखकों के लिए उपयोगी तो सिद्ध होगा ही, हमें अरबी, फारसी और अंग्रेजी भाषाओं की तरफ टकटकी लगाने की बजाय अपनी बोलियों को टटोलने की प्रेरणा भी देगा।