Aadhunik Hindi Gitikavya Ka Swaroop Aur Vikas / आधुनिक हिन्दी गीतिकाव्य का स्वरूप और विकास (1920 ई० से 1960 तक)
Author
: Ashakishor
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 1971
ISBN
: 9VPAHGKSAVH
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xvi + 356 Pages, Biblio., Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.
MRP ₹ 200
Discount 20%
Offer Price ₹ 160
हिन्दी काव्य की एक महत्त्वपूर्ण विधा-गीतिकाव्य का शास्त्रीय विवेचन गीति काव्य का अत्यन्त वैज्ञानिक स्वरूप प्रस्तुत किया गया है।
गीति काव्य के स्वर्णयुग छायावाद का अत्यन्त सूक्ष्म विश्लेषण है।
प्राचीन और नवीन गीति-शैली का तुलनात्मक अध्ययन है।
यह ग्रन्थ चार दशकों के महत्त्वपूर्ण काव्य-रूप का प्रामाणिक मूल्यांकन प्रस्तुत करता है।
आधुनिक गीतिकारों का अन्तरंग काव्य-विवेचन पहली बार प्रस्तुत किया गया है।
आचार्य नंददुलारे वाजपेयी, डॉ० हजारीप्रसाद द्विवेदी, डॉ० रामकुमार वर्मा, डॉ० बलदेव प्रसाद मिश्र जैसे साहित्य मनीषियों ने इस शोधकार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।