Hindi Vyangya Sahitya Aur Harishankar Parsai / हिन्दी व्यंग्य साहित्य और हरिशंकर परसाई
Author
: Madalsa Vyas
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 1999
ISBN
: 8171242359
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: x + 182 Pages, Append., Biblio., Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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सामाजिक, ऐतिहासिक जड़ता के पत्थर पर प्रहार करने वाले परसाई के भीतर मानवीय करुणा की एक अजस्र धारा निरन्तर प्रवाहित होती रही। अपनी पक्षधरता का प्रमाण वे जीवनपर्यंत अपनी लेखनी से देते रहे। कभी सच से आँख न छिपाई, झूठ का साथ नहीं दिया, निश्छल भाव से फरेब को बेनकाब किया तथा सच को सच की तरह पेश किया। उनकी बेबाक और बेलौस उक्तियों से भले ही कोई मर्माहत हुआ हो किन्तु उनका उद्देश्य किसी को पीड़ा पहुँचाना न था। वे जब मानवीय पीड़ा से बेधित होकर छटपटाते थे तो ही इस प्रकार के उद्गार फूटते थे। परसाई अपनी ईमानदार रचनाधॢमता के मिसाल हैं। डॉ० व्यास ने परसाईजी की रचनाशीलता को गम्भीरता से चिन्तन-मनन करके इसमें शब्दबद्ध किया है। परसाई के अनेक छुए-अनछुए बिन्दु यहाँ आलोकित हुए हैं। हिन्दी-व्यंग्य विधा में तथा परसाई के रचना-संसार को जानने समझने में इसका सराहनीय योगदान होगा।