Hindi Nibandha / हिन्दी निबन्ध
Author
: Surendra Pratap
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2014
ISBN
: 9789351460473
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xii + 100Pages, Size : Demy i.e. 21.5 x 13.5 Cm.
MRP ₹ 40
Discount 15%
Offer Price ₹ 34
भारतेन्दु के बाद से अब तक हिन्दी निबन्ध की यात्रा ऐतिहासिक रही है। विगत तीन-चार दशकोंं की तीन पीढिय़ों ने जो कुछ लिखा वह किसी भी भाषा के लिए महत्व एवं गर्व की बात है। आज के निबन्धों में जीवन-जगत् को देखने, विषय-वस्तु को परखने की दृष्टि निश्चय ही सूक्ष्म तथा व्यापक है। निबन्ध वह विधा है जिसके माध्यम से सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, आॢथक चुनौतिया का मुकाबला सम्भव है। वैश्वीकरण के दौर में ढेर सारी चुनौतियों के कारण निबन्ध, विधा प्रासंगिक तथा अर्थपूर्ण बन गई है। संग्रह के निबन्ध लीक से हट कर हैं। उम्मीद है कि इनके अध्ययन से छात्र निबन्ध के विविध आयामों का परिचय प्राप्त कर सकेंगे।
अनुक्रम :
भूमिका, 1. साहित्य जन समूह के हृदय का विकास है : बाल कृष्ण भट्टï / 2. कविता क्या है? : रामचन्द्र शुक्ल / 3. साहित्य का उद्देश्य : प्रेमचंद / 4. अशोक के फूल : आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी / 5. राम, कृष्ण और शिव : राममनोहर लोहिया / 6. मेरे राम का मुकुट भींग रहा है : विद्यानिवास मिश्र / 7. परम्परा का मूल्यांकन : रामविलास शर्मा, शब्दार्थ