Srishti Tattva tatha Raja evam Praja / सृष्टि-तत्त्व तथा राजा एवं प्रजा
Author
: Bhargava Shivramkinkar Yogtrayanand
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Sociology, Religion & Philosophy
Publication Year
: 2010
ISBN
: 9788171247295
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: iv + 108 Pages, Size : Demy i.e. 21.5 x 13.5 Cm.

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सृष्टि-तत्त्व तथा राजा एवं प्रजा

राजा तथा प्रजा का शरीरयन्त्र से तथा जगत् सृष्टि उपक्रम से सामञ्जस्य का अलौकिक विवरण परमपूज्य लेखक ने प्रस्तुत करके अपनी समन्वीय दृष्टि का उदाहरण प्रस्तुत किया है। विज्ञान, व्याकरण, सांख्य, वेद आदि का उद्धरण देकर इस ग्रन्थ में एक अभिनव दिशा की ओर संकेत दिया गया है, जिसके सम्बन्ध में कोई किसी भ्रम अथवा प्रश्नचिन्ह के लिए कोई अवकाश ही नहींं रह जाता। जहाँ 'धमान् मेहति वर्षति' धर्म की ही वर्षा होती है, परन्तु वहाँ जिस धर्म का आश्रयण है, वह लौकिक भाषा से तथा लौकिक रूप से प्रतिच्छवित हो रहा भेदकारक धर्म नहीं है। इस धर्मदृष्टि का आश्रय लेने से राजा तथा प्रजा का जो अभिनव सम्बन्ध, शाश्वत सामञ्जस्य प्रतिफलित होता है, वही शासक तथा शासित का यथार्थ रूप है।
विषयानुक्रमणिका
1. सृष्टि-तत्त्व 2. राजा तथा प्रजा उपसंहार