Tantracharya Gopinath Kaviraj Aur Yoga Tantra Sadhna / तन्त्राचार्य गोपीनाथ कविराज और योग-तन्त्र-साधना
Author
: Ramesh Chandra Awasthi
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Yoga, Meditation, Health & Treatment
Publication Year
: 2023
ISBN
: 9789351460169
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xvi + 108 Pages, Size : Demy i.e. 21.5 x 13.5 Cm
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परमहंस विशुद्धानन्दजी तथा उनके शिष्य कविराजजी दोनों ही ऊध्र्वलोक के अवतरित महापुरुष भारत के लिए ही नहीं, सम्पूर्ण विश्व के लिए इस शताब्दी की विशिष्ट देन हैं। कविराजजी की आध्यात्मिक साधना के सम्बन्ध में अधिकांश विद्वान् व जिज्ञासुगण सभी अनभिज्ञ हैं और नाना प्रकार की अटकलें लगाते हैं, यही कारण है कि इस सम्बन्ध में उनकी चर्चा बहुत कम हुई है। कविराजजी के सम्बन्ध में उनके पाण्डित्य तथा आगमतन्त्र के उद्धारक रूप की विशेष ध्वनि उभारी गई है। कविराजजी को उनके सद्गुरु ने दीक्षा देने की आज्ञा नहीं दी थी, अत: वह इस दिशा में अपने सम्पर्क में आए केवल जिज्ञासु व्यक्तियों को ही निर्देश, परामर्श तथा संरक्षण देते थे। यही कारण है कि उन्होंने अपना सारा आध्यात्मिक चिन्तन व अनुभव अपने ग्रन्थों में स्पष्ट रूप से सविस्तार लिख दिया है। उनके इस आध्यात्मिक चिन्तन से यह निष्कर्ष निकलता है कि बाबा ने गुरुराज्य ज्ञानगंज की आत्म क्रिया योगतान्त्रिक ध्यान-प्रणाली कविराजजी को दीक्षा-रूप में दान किया। कविराज ने अनेक सिद्ध महात्माओं, साधु-सन्तों से सम् पर्क-सत्संग करने के पश्चात् इस ध्यान-प्रणाली को अधिक वैज्ञानिक, सक्षम और निरपेक्ष बनाया। इसका रहस्य उनके ही ग्रन्थों में भली-भाँति उद्घाटित कर दिया गया है। प्रस्तुत लेखों में कविराजजी की इसी तान्त्रिक साधना-प्रणाली का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है तथा योगतन्त्र के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है, जिससे जिज्ञासु व्यक्तियों की आध्यात्मिक शंकाओं का समाधान तथा मार्गदर्शन मिलेगा।