Bhojpuri Lokgeet / भोजपुरी लोकगीत
Author
: Awadhesh Kumar Singh
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Sociology, Religion & Philosophy
Publication Year
: 2010
ISBN
: 9788171247424
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xxiv + 84 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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लोकगीतों का विषय शृंगार, प्रेम, संयोग-वियोग या प्रकृति-वर्णन तक सीमित नहीं रहा है। आधुनिक युग में सामाजिक परिवर्तन के साथ-साथ स्ïवाधीनता आन्ïदोलन तथा असहयोग-आन्ïदोलन के अतिरिक्त देश की स्ïवाधीनता के बाद मानव-जीवन में आने वाले परिवर्तनों को भी इसकी व्ïयापक परिधि में समेटने का प्रयास किया गया है, इस प्रकार लोकगीत या लोक-साहित्ïय में मानवीय मूल्ïयों की सहज और अकृत्रिम अभिव्ïयक्ति मिलती है। नि:सन्ïदेह ऐसी अभिव्ïयक्ति बोलचाल की भाषा में होने के कारण अधिक आत्ïमीय, अधिक अपनापन लिये हुए और अधिक जानी-पहचानी लगती है, इसकी संवेदनशीलता का तो कहना ही क्ïया! प्रत्ïयेक क्षेत्रीय भाषा या बोली में ऐसे गीत पाये जाते हैं, जो पर?ïपरा से लोककण्ïठ में समाये हुए हैं और जिनका गायन विभिन्ïन लोकाचारों, उत्ïसवों, ऋतुओं के अनुसार जनसामान्ïय करता है। इन गीतों को ही 'लोकगीतÓ की संज्ञा दी जाती है। इनकी रचना काव्ïयशास्ïत्र के नियमों के अनुसार नहीं होती और न तो इनमें काव्ïयगुणों को विशेष महत्त्व दिया जाता है। इनमें वैदिक व्ïयवहार की भाषा में लय-सुर का समावेश होता है। सामान्ïय जीवन में सुख-दु:ख, आशा-निराशा और उत्ïसाह का वर्णन होता है। अन्ïय लोकभाषाओं की तरह भोजपुरी में भी लोकगीतों की एक समृद्ध पर?ïपरा है। ये लोकगीत विभिन्ïन अवसरों पर गाये जाते हैं। तमाम भोजपुरी अंचल से एकत्र किए गए विविध अवसरों पर गाये जाने वाले लोकगीतों का यह अनूठा संकलन निश्चित रूप में न केवल भोजपुरी साहित्य के अध्ययनकर्ताओं बल्कि भोजपुरी अंचल से जुड़े समस्त जनों के लिए अत्यन्त ही उपयोगी एवं संग्रहणीय सिद्ध होगा।