Hindu Shaddarshan / हिन्दू षड्दर्शन
Author
: Swami Pratyagatmananda Saraswati
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Sociology, Religion & Philosophy
Publication Year
: 2011
ISBN
: 9788171247660
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xxviii + 80 Pages; Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 C

MRP ₹ 150

Discount 20%

Offer Price ₹ 120

हिन्दू षड्दर्शन

प्रख्यात महाग्रन्थ 'जपसूत्रम्' के प्रणेता महान् दार्शनिक, गणितज्ञ तथा मनीषी स्वामी प्रत्यगात्मानन्द प्रणीत 'हिन्दू षड्दर्शन' के भाषानुवाद का प्रस्तुतिकरण इस प्रसंग की सूक्ष्म विवेचना न होकर इसका दिशानिर्देश-मात्र है, जो सूत्ररूप से ग्रथित है। साथ ही षड्दर्शन का साररूप है। जो विशाल कलेवरयुक्त गूढ़ तत्त्व समावृत षड्दर्शन का समग्र अध्ययन नहीं कर सकते, तथापि इस विषय के प्रति जिज्ञासु हैं, उनके लिए यह ग्रन्थ एक पथ- प्रदीप के समान है। स्वनामधन्य ग्रन्थकार का पूर्वनाम था प्रमथनाथ मुखोपाध्याय, तत्पश्चात् संन्यासाश्रम में ये स्वामी प्रत्यगात्मानन्द सरस्वती के नाम से विख्यात हो गये। दर्शनशास्त्र का अध्यापक होने पर भी इन्होंने गणित तथा विज्ञान में उतनी ही दक्षता प्राप्त करके दीर्घकालपर्यन्त शिक्षण-कार्य भी किया था। कालान्तर में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल महोदय के निर्देशानुसार आयोजित विश्वतन्त्र सम्मेलन का इन्हें अध्यक्ष भी मनोनीत किया गया था। महान् विद्वान सर जॉन वुडरफ, महामहोपाध्याय डॉ० पं० गोपीनाथ कविराज भी इनके प्रति श्रद्धावान् थे। 96 वर्ष की आयु में दिनांक 20-10-1973 ई० को इन्होंने इस धराधाम का त्याग करके अनन्त की यात्रा का वरण किया था। यह ग्रन्थ केवल वागविलास न होकर इन मनीषी की गहन अनुभूति एवं चिन्तन पर आधारित होने के कारण अत्यन्त उपयोगी है। प्रत्यक्ष ज्ञानयुक्त है। अत: पठनीय है।