Godan : Kuchha Sandarbha / गोदान : कुछ सन्दर्भ
Author
: Premchand
  Kamlesh Kumar Gupta
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2011
ISBN
: 9788171248261
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: viii + 132 Pages; Biblio; Size : Demy i.e. 22.5 x

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श्रेष्ठ रचना बराबर मूल्यांकन और पुनर्मूल्यांकन के लिए प्रेरित करती है। 'गोदान : कुछ सन्दर्भÓ भी ऐसा ही एक लघु प्रयास है। इसमें कुछ विशिष्ट संदर्भों में गोदान के मूल्यांकन का प्रयास किया गया है। गोदान ग्रामीण जीवन और लोक संस्कृति का उपन्यास तो है ही, यह किसान चेतना और स्त्री चेतना का भी उपन्यास है। गोदान में वॢणत किसानों की तबाही और बरबादी के मूल में है ब्रिटिश उपनिवेशवादी नीति के अन्तर्गत भारत के भयानक आॢथक शोषण की प्रक्रिया। चूँकि उस समय भारत ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आश्रित था, इसलिए ब्रिटिश सत्ता का प्रबल प्रहार उसके ही ऊपर हुआ और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी किसान का जीवन त्रासदी बन गया। गोदान जिस तरह से ग्रामीण जीवन का उपन्यास है, वैसे ही नगरीय जीवन का भी उपन्यास है, इसमें जनसं?या की अधिकता और निवासियों की विविधता, अर्थ और उद्योग प्रधान वर्ग विभक्त समाज, खूबियों और खामियों सहित एकाकी परिवार, औपचारिक और द्वितीयक स?बन्ध, व्यक्तिवादिता और प्रतिस्पद्र्धा से भरी जिन्दगी, स्वार्थ प्रेरित सहनशीलता, तर्क और विवेक प्रधान जीवन, सामाजिक नियंत्रण के औपचारिक साधन आदि नगरीय जीवन की विशेषताएँ भरी पड़ी हैं। पारिवारिक जीवन का माॢमक आ?यान भी है गोदान। महाजनी या पूँजीवादी स?यता के दबाव में किस तरह संयुक्त परिवार टूट रहे थे और विघटन की ओर बढ़ रहे थे यह हम गोदान में लक्षित कर सकते हैं। चरित्रांकन, कथाभाषा और कथाशिल्प की दृष्टि से भी गोदान एक बेजोड़ उपन्यास है। पुस्तक में इन सब पर विस्तार से विचार किया गया है।