Phanishwarnath Renu Aur Unka Katha Sahitya / फणीश्वरनाथ रेणु और उनका कथा साहित्य
Author
: Ragini Verma
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2011
ISBN
: 9788171248032
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xii + 292 Pages, Append., Biblio., Size : Demy i.e. 22.5 x 14 Cm.

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रेणु ने कहा था—''मैंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, जैसी भाषा लिखी, क्या पता उसको लोग कबूल करेंगे या नहीं करेंगे....इसलिए मैंने उसे आंचलिक उपन्यास कह दिया।ÓÓ आंचलिक उपन्यास के जनक रेणुजी का कथा साहित्य में अन्यतम योगदान है। आंचलिक उपन्यासों की जो परम्परा उन्होंने शुरू की उसने हिन्दी कथा साहित्य की दिशा बदल दी। ग्रामीण जीवन, उसकी भाषा-बोली, संस्कार, हर्ष-विषाद को जिस माॢमकता से रेणुजी ने अपनी रचनाओं में अभिव्यक्त किया है वह बेजोड़ है। ऐसे कथाकार के समग्र कथा साहित्य का विस्तृत अध्ययन इस ग्रन्थ की विशेषता है। निर्मल वर्माजी का कथन है— ''मैं रेणु के उपन्यासों को बहुत पसन्द करता हूँ, लेकिन उनके पात्रों का सृजन करने की कल्पना कर ही नहीं सकता। रेणु का जीवन, परिवेश, ग्राम्य अनुभव, लोक-संगीत, यह सब उनके अपने निजी अनुभव की सम्पदा है कि एक कृति के रूप में उनका रसास्वाद तो मैं कर सकता हूँ। लेकिन इस तरह के उपन्यास रचने की बात सोच भी नहीं सकता।ÓÓ