Hindi Sahitya Ka Vastunishtha Itihas (Part-II) / हिन्दी साहित्य का वस्तुनिष्ठ इतिहास (खण्ड-2) आधुनिक काल (सन् 1850 से 1920 ई०)
Author
: Kusum Rai
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2012
ISBN
: 9788171248605
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 400 Pages; Append; Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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'हिन्दी साहित्य का वस्तुनिष्ठ इतिहास' (दसवीं से उन्ïनीसवीं शती तक) सन् 2008 ई० में प्रकाशित हुआ था। वैसे तो इसको आधुनिक काल तक के सम्पूर्ण साहित्य के अध्ययन तक ले जाने का विचार था किन्तु बाद में आकार-प्रकार की विपुलता को देखते हुए इसे दो खण्डों में समेटने का लक्ष्य रखा गया। किन्तु पुन: इसका कलेवर विस्तृत होता देखकर इसका तीन खण्ड कर देने का निश्चय किया गया। द्वितीय खण्ड-आधुनिक काल (1850 से 1920 ई० तक) स्वतन्त्र रूप में पहली बार ग्रन्थ-रूप में प्रस्तुत है। इस पुस्तक में सन् 1850 से लेकर 1920 ई० तक की साहित्यिक गतिविधियों को यथासम्भव समग्र रूप में समेटने की कोशिश की गयी है। द्वितीय खण्ड में विधागत तथा कालगत साहित्यिक सामग्रियों को ही एक साथ रखने का प्रयत्न किया गया है। इसमें काल-विशेष के साहित्यकारों की कालगत रचनाओं का ही सारगर्भित आकलन किया गया है, काल की सीमा के बाहर लिखी जाने वाली रचनाओं को छोड़ दिया गया है क्योंकि एक साहित्यकार को काल की सीमा में आबद्ध कर देना उसमें होने वाले परिवर्तन की गतिविधि का समुचित मूल्यांकन की प्रक्रिया में बाधा देना है। इसलिए इस पुस्तक में कृतिकार तथा उसकी कृतियों का यथोचित विवेचन-विश्लेषण करने हेतु काव्यरूप के साथ काव्य-विधाओं की विकास-प्रक्रिया तथा उनकी प्रवृत्तियों का यथेष्ट ध्यान रखा गया है। लेखिका ने कई वर्षों के अनवरत परिश्रम से हिन्दी साहित्य के इतिहास के वस्तुनिष्ठ अध्ययन की कोशिश की है ताकि हिन्दी साहित्य की अविच्छिन्न परम्परा में तद्विषयक अधिकतम तथा गहनतम जानकारी सम्भव हो सके। इस परिश्रम साध्य कार्य का उद्देश्य अधीत्सु को अधिकाधिक लाभान्वित कराना है। इसमें तथ्यों की सूक्ष्मता से खोज का प्रयत्न है।