Eka Subaha Aur Mila Jati / एक सुबह और मिल जाती
Author
: Baburam Tripathi
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Novels / Fiction / Stories
Publication Year
: 2012
ISBN
: 9788171248735
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: viii + 80 Pages; Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.

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''नारी अपनी मर्जी से चाहे जिस स्तर पर उतर जाय, उस उतरने में भी उसे सुख मिलता है, भले ही समाज की निगाह में उसका वह कदम घृणित हो। लेकिन जब कोई उसकी मर्जी के विरुद्ध उसके साथ जोर-जबर्दस्ती करता है, तो उस समय वह अबला नहीं, चण्डी हो जाती है। फिर तो वह अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकती है।ÓÓ ''हम लाख कोशिश करें, सावधानी पर सावधानी बरतें, पर भवितव्यता को नहीं टाल सकते। जो होना है, वह होकर ही रहेगा। वैसे भी हम अपने चेते कहाँ कुछ करते हैं? कोई ऐसी सत्ता है, जिसके इशारे पर हमें नाचना पड़ता है। क्या मजाल है कि उसकी मर्जी के विरुद्ध एक पत्ता भी हिल जाय, एक कदम भी हम आगे बढ़ा दें। रोना तो इस बात का है कि करता-धरता वह है, परिणाम-कुपरिणाम हम भुगतते हैं।ÓÓ ''मैं चाहता हूँ कि तुम जैसे भले इन्सान इस जालिम दुनिया में रहें, तभी यह पृथ्वी अपने अस्तित्व को बरकरार रख पायेगी। हम जैसे नर-पिशाचों ने तो इसे रसातल में पहुँचाने का ठेका ले ही रखा है।ÓÓ