Bhawani Prasad Mishra aur Unka Kavya Sansar / भवानी प्रसाद मिश्र और उनका काव्य संसार
Author
: Anupam Misra
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2003, First Edition
ISBN
: 8171243452
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 156 Pages, Biblio., Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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भवानी भाई का जीवन सामाजिक था, पर समाज की सेवा के नाम पर वह कलुषित नहीं हो पाया। हर हाल में वे गाँधीवादी सादगी और मनुष्य के प्रति जिस मेदारीवाली चेतना बचाते रहे। वे भोग और लिप्सा से परे त्याग और आदर्श की भावनाओं को महत्त्व देते रहे और यह भावनाएँ उनकी कविताओं की जान हैं। वे सादगी, गाँव और मूल्य चेता त्यागी मानवीय व्यक्तित्व और विश्व बन्धुत्व को बचाने और उसके विरोधियों को ललकारने वाले व्यक्ति रहे यह बातें खुले रूप में उनके काव्य-संसार में आती हैं। भवानीप्रसाद मिश्र के काव्य में प्रकृति का आश्रय विशेष रूप से लक्षित किया जा सकता है। वे कोई बात बिना प्रकृति के कहते ही नहीं हैं। या यों कहा जाए कि वे जिस किसी कविता के वस्तु-विवेक को रचने चलते हैं उसे बिना किसी प्रकृति-आश्रय के पूर्ण ही नहीं कर पाते।