Hindi Sahitya Ka Vastunishtha Itihas (Part-III) / हिन्दी साहित्य का वस्तुनिष्ठ इतिहास (खण्ड-3) आधुनिक काल (सन् 1920 ई० से अब तक)
Author
: Kusum Rai
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2015, 1st Edition
ISBN
: 9789351460893
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 660 Pages; Size : Demy i.e. 23 x 14 Cm
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वैसे तो हिन्दी साहित्य के इतिहास की कई पुस्तकें उपलब्ध हैं। लेकिन प्रश्नोत्तर शैली में लिखी गयी यह पहली इतिहास-शृंखला है जिसका बहुप्रतीक्षित तीसरा खण्ड (आधुनिक काल) आपके हाथों में है। इस इतिहास शृंखला, जिसके प्रथम खण्ड में 10वीं शताब्दी से 19वीं शताब्दी तक, द्वितीय खण्ड में सन् 1850 से 1920 ई० तक तथा इस तीसरे खण्ड में सन् 1920 ई० से अब तक का कालखण्ड समेटा गया है, से छात्रों और शोधार्थियों का रास्ता काफी सुगम हो गया है। अब छात्रों और शोधार्थियों को विभिन्न इतिहास-ग्रन्थों का अध्ययन नहीं करना पड़ेगा क्योंकि विदुषी लेखिका ने लगभग सभी इतिहास-लेखक विद्वानों के मतों का समावेश इस तीन खण्डों की इतिहास-शृंखला में किया है। यह पुस्तक पढऩे के बाद छात्र इस तरह की अटकलों से भी बच जाएँगे कि परीक्षा में किस तरह के सवाल पूछे जा सकते हैं। वैसे भी लिखित और मौखिक परीक्षाओं में वस्तुनिष्ठ प्रश्न ही पूछे जाते हैं।
लेखिका ने इस इतिहास-शृंखला में विभिन्न आधिकारिक विद्वानों के विचार उद्धृत किए हैं। इसमें हर सम्भव पठनीय सामग्री देकर पुस्तक को छात्रोपयोगी बनाने का भरसक प्रयास किया है और इसमें वह पूरी तरह सफल हुई हैं। इस पुस्तक (तीसरे खण्ड) में उन्होंने सन् 1920 ई० से लेकर अब तक का लगभग सबकुछ समेट लिया है।
लेखिका ने इस इतिहास-शृंखला में विभिन्न आधिकारिक विद्वानों के विचार उद्धृत किए हैं। इसमें हर सम्भव पठनीय सामग्री देकर पुस्तक को छात्रोपयोगी बनाने का भरसक प्रयास किया है और इसमें वह पूरी तरह सफल हुई हैं। इस पुस्तक (तीसरे खण्ड) में उन्होंने सन् 1920 ई० से लेकर अब तक का लगभग सबकुछ समेट लिया है।