Agyeya Chetana Ke Seemant (Manovishleshnatmak Adhyayan) / अज्ञेय चेतना के सीमान्त (अज्ञेय चेतना के सीमान्त)
Author
: Jwala Prasad Khetan
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2015
ISBN
: 9789351460916
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 264 Pages; Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.
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डॉ० ज्वाला प्रसाद खेतान 'अज्ञेयÓ साहित्य के ग?भीर अध्येता रहे हैं। उन्होंने फ्रायड और युंग के मनोविश्लेषणशास्त्र को आधार बनाकर 'अज्ञेयÓ की साहित्य साधना के अन्तवर्ती सूत्रों का उनकी गतिशील सर्जनात्मक मानसिक यात्रा का तथा उनके सर्जनात्मक व्यक्तित्व की परम आन्तरिक, अन्तिम एवं अतुलनीय विशिष्टता का विवेचन किया है। डॉ० खेतान की प्रस्तुत कृति 'अज्ञेयÓ की समग्र रचना-यात्रा के अध्ययन को एक नई दिशा देने में समर्थ है। हिन्दी जगत इसका स्वागत करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। —डॉ० रामचन्द्र तिवारी
भूतपूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग
गोरखपुर विश्वविद्यालय
''आर्कीटाइपल आलोचना के क्षेत्र में यह सारगॢभत पुस्तक एक पहल मानी जायेगी। आलोचना-पुस्तक की भाषा तथा विषय प्रतिपादन कितना साफ, सटीक, संक्षिप्त तथा संश्लिष्ट हो सकता है—उसकी नायाब मिसाल यह पुस्तक है। हिन्दी आलोचना के क्षेत्र में मनोवैज्ञानिक आलोचना की दृष्टि से यह पुस्तक विचारणीय और विवादपूर्ण सिद्ध होगी।ïÓÓ —रमेश कुंतल मेघ
''लेखक द्वारा किया गया मनोविश्लेषण स?बन्धी सिद्धान्तों का विवेचन जितना स्वच्छ है, उतना ही दक्ष विश्लेषण अज्ञेय के कृति साहित्य का उन सन्दर्भों में है। पुस्तक का अध्ययन कई स्तरों पर और कई तरह से उपयोगी सिद्ध होगा।ÓÓ
—रामस्वरूप चतुर्वेदी
प्रस्तुत पुस्तक अज्ञेय की समस्त रचनाओं को एक घोर ईमानदार आदमी का अभिन्नतम निजी दस्तावेज मानकर उनके भाव जगत की अन्तर्यात्रा का मानचित्र प्रस्तुत करने की चेष्टा करती है। आधुनिक मनोविज्ञान की सहायता से उन अन्त:प्रक्रियाओं को विश्लेषित करने की चेष्टा करती है जो अज्ञेय की चेतना की संस्कार, चेष्टा की अपरिहार्य दिशा थी, जिनमें से ही उन्हें अपने 'नियति के सूत्रÓ पहचानने थे।