Lok Sahitya Ke Vividha Aayam [PB] / लोक साहित्य के विविध आयाम (पेपर बैक)
Author
: Parveen Nizam Ansari
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Folklore (Lok Sahitya-Bhojpuri etc.)
Publication Year
: 2016
ISBN
: 9789351461494
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xvi + 388Pages; Size : Demy i.e. 21.5 x 14.5 Cm.

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लोक-साहित्य हमारे सुख-दु:ख की सहज और स्ïवाभाविक अभिव्यक्ति होती है। उसमें वेदना और विवशता के साथ ही लोक-जीवन की शक्ति, उल्लास और उसके दर्द की भी अकृत्रिम अभिव्यक्ति होती है। लोक-साहित्य का गद्य भी रोचक और प्रवाहपूर्ण होता है। लोकगीतों की तो बात ही अलग है। वे पहाड़ी झरनों की भाँति नैसर्गिक और निर्बन्ध होते हैं। वे लम्बे समय से श्रुति व गायन परम्परा से चलते चले आ रहे हैं। इनकी विशेषता यह होती है कि ये व्यक्ति की सीमा का अतिक्रमण कर समूह का स्वर बन जाते हैं, लेकिन आज यही लोक स्वर और लोक-साहित्य संकट में है। आधुनिकता की चकाचौंध में हमें लोक-साहित्य एवं लोक-संस्कृति में छिपी अमूल्य निधि दिखाई नहीं पड़ रही है। लोक-साहित्य से इस विमुख होते समय में डॉ० परवीन निज़ाम अंसारी ने बड़े साहस, धैर्य और श्रम का परिचय देते हुए लोक-साहित्य के विविध पक्षों को बहुत व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने का सराहनीय कार्य किया है। उनकी 'लोक-साहित्य के विविध आयामपुस्तक के बाईस अध्ïयायों में लोक-साहित् की परिभाषा और विशेषताओं के साथ ही लोक और लोक-वार्ता, लोक-वार्ता और लोक-विज्ञान, लोक-संस्ïकृति, लोक-जीवन में लोक-साहित्य का पारम्परिक म्बन्ध एवं महत्व आधुनिक हिन्दी-साहित्य में लोक-तत्त्व, भारतीय लोक-साहित् की परम्परा और उसके अध्यन का इतिहास संकलन की समस्याएँ, लोक-साहित्य की शिल्प संरचना, लोक-साहित्य की विविध विधाओं आदि को बहुत िस्तार और प्रामाणिकता के साथ बखूबी अंकित किया गया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि डॉ० अंसारी की यह पुस्तक साहित्य के अध्येताओं द्वारा सराही जाएगी और उन्हें यशस्वी बनाएगी।वशिष्ठ अनूप (डी० लिट०) प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी