Samkalin Kavita : Samvedana Aur Vikas / समकालीन कविता : संवेदना और विकास
Author
: Ramkali Saraf
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2019
ISBN
: 9789387643208
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: 320 Pages; Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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समकालीन कविता : संवेदना और विकास
प्रस्तुत पुस्तक लेखिका की वैचारिक रचनात्मक यात्रा का, छायावाद के बाद की कविता से होने-गुजरने की प्रक्रिया का सृजनात्मक परिणाम है। यह पुस्तक कविता के इतिहास और वर्तमान— दोनों पर केन्द्रित है। छायावाद के बाद 'हिन्दी काव्यान्दोलनों के बहाने जीवन' और जीवन के जरिए काव्यान्दोलनों, उनके रंग-रेशे को जानने-परखने की एक ईमानदार कोशिश है। इन काव्यान्दोलनों के समानांतर जो वाद-विवाद उठे हैं। उन वाद-विवादों को स्वस्थ संवाद तक पहुँचाने का प्रयास हुआ है। जीवन और कला के बीच रिश्तों की खोज या काव्यान्दोलनों के दौरान अंतर्वस्तु और रूप का संतुलन जहाँ घटित हुआ है, उन कविताओं की प्रभावात्मक व्याख्या की गई है और यह संतुलन जहाँ टूटा है, ऐसी निष्प्रभावी कविताओं का भी वर्णन प्रसंगवश हुआ है। कलावादी रूझान कविताओं को किस प्रकार निर्जीव बना देते हैं। इस सत्य का विवेचन पुस्तक में उपलब्ध है।
इतिहास-बोध एवं जीवन-संघर्षों की स्पष्ट दृष्टि विवेच्य काव्य-समय को गहन मानवीय संदर्भों से जोड़कर उनके मूल्य-मान परखने में संलग्न हुई है। दृष्टिकोण की नवीनता, समसामयिक संदर्भों और रचना के कथ्य एवं शिल्प पर उनके प्रभाव-सम्बन्धी स्थापना को मौलिक एवं सुरुचि-सम्पन्न बनाती है। निष्कर्षों के निर्माण में समष्टि और समन्वय की भावधारा आद्यन्त मौजूद है। नि:सन्देह, हिन्दी काव्यान्दोलनों की यह यात्रा हिन्दी के विशिष्ट एवं सामान्य या विज्ञ एवं सुधी पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक होगी, ऐसा विश्वास है।