Prachin Bharatiya Pratima Vigyana Evam Moortikala / प्राचीन भारतीय प्रतिमा विज्ञान एवं मूर्तिकला
Author
: Brijabhushan Shrivastava
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: History, Art & Culture
Publication Year
: 2022, 7th Edition
ISBN
: 9789351460978
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 416 Pages + 56 Plates, Index, Biblio., Size : Demy i.e. 22.1 x 14.5 Cm.

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प्राचीन भारतीय प्रतिमा विज्ञान एवं मूर्तिकला
प्राचीन भारतीय प्रतिमाएँ और मूर्तियाँ, अपने युग के शिल्प वैशिष्ट्य और सौन्दर्यबोध मात्र को उजागर नहीं करतीं, अपितु सांस्कृतिक विचारों तथा भावनाओं को भी मुखर अभिव्यक्ति प्रदान करती हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ प्रतिमा और मूर्त की विभाजक रेखा का सीमांकन करते हुए प्रतिमा निर्माण-परम्परा को विश्लेषित करता है। विष्णु, शिव, सूर्य, देवियों, गणपति, स्कन्द कार्तिकेय, जैन और बौद्ध प्रतिमाओं का विधानों एवं लक्षणों तथा उसके आधार पर निर्मित प्रतिमाओं का शास्त्रीय विवेचन और क्रमिक विकास को स्पष्ट करता है। साथ ही शैली शिल्प सौष्ठव से सम्बन्धित विशेषताओं के आधार पर भी उनका मूल्यांकन करता है। मूर्तिकला-खण्ड के अन्तर्गत सिन्धु सभ्यता की मूर्तिकला, मौर्य, शुङ्गï, सातवाहन, कुषाण, गुप्त, पाल एवं चन्देलकालीन मूर्तियों को ऐतिहासिक कालों के परिदृश्य में विविध कालों के अन्तर्गत अस्तित्व में आने वाली शैलियों के आधार पर संरचना, निर्माण शैली, तकनीक, शिल्प सौनन्दर्य, भाव संबोध, सांकेतिकता, उद्देश्यपरकता, भावना, संवेग, विचार, क्षेत्रीयता, शिल्पी की निजता आदि के वृहत्तर सन्दर्भों में व्याख्यायित करता है। बिखरे कलावशेषों का क्रमबद्ध संयोजन; शास्त्रीय लक्षणों पर निर्मित प्रतिमाओं का प्रतिमाशास्त्रीय परम्परा के आधार पर विश्लेषण; विविध कालों और शैलियों में निर्मित मूर्तियों की संरचना, सौन्दर्य और भावसंबोध की दृष्टि से बोधगम्य व्याख्या; प्रतिमाओं और मूर्तियों के आधार पर सांस्कृतिक विचारों एवं भावनाओं का उद्घाटन; 62 (बासठ) मूर्ति-चित्रों के माध्यम से प्रतिमाओं एवं मूर्तियों का सरल अभिज्ञान; सरल, सुबोध, भावगम्य और प्रवाहमयी भाषा इस ग्रन्थ का वैशिष्ट्य है।