Lakshmi Nivas Kosh (A Dictionary of Unadi Derivatives) / लक्ष्मी निवास कोश (उणादि कोश)
Author
: Ram Awadh Pandey
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Sanskrit Literature
Publication Year
: 1985
ISBN
: 9VPLNKH
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xxv + 208 Pages, Index, Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.

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प्राय: स्वतन्त्र पाँच काव्यों, चार स्तुति काव्यों, विभिन्न तेरह ग्रन्थों की प्रामाणिक टीकाओं तथा भूपाल भूषण, रस रत्नाहार आदि मौलिक ग्रन्थों के लेखक एवं संस्कृत तथा हिन्दी के साथ ही गुजराती तथा मराठी भाषाओं के तत्वज्ञ विद्वान पं० शिवराम त्रिपाठी ने पाणिनीय व्याकरण संप्रदाय के पंचपादी उणादि सूत्रों की टीका के रूप में 'लक्ष्मी निवास कोशÓ की रचना की है। उणादि निष्पन्न शब्दों का कहीं प्रथमान्त में और कहीं सप्त?यन्त में अर्थ देकर यह पद्यबद्ध रचना है। श्री त्रिपाठी का तो कहना यह है कि जिसकी व्या?या मनोरमा, शब्देन्दुशेखर में नहीं हो पायी है उसका भी संग्रह 'लक्ष्मी निवास कोशÓ में किया गया है। इस कोश में प्राय: पौने पांच सौ पद्य हैं। इस कोश में लक्ष्मी रूप में व्युत्पत्ति और नारायण रूप में अर्थ की चर्चा होने से संभवत: इसका यह नाम पड़ा है। पाणिनीय व्याकरण की पंचपादी उणादिसूत्रों की अनेक टीकायें मुद्रित-प्रकाशित हुई हैं और अनेक अप्रकाशित भी हैं। यह 'लक्ष्मी निवास कोशÓ भी आज तक व्यवस्थित संपादित-मुद्रित-प्रकाशित नहीं हुआ था और पं० शिवराम त्रिपाठी की अनेक कृतियां अभी मुद्रित-प्रकाशित नहीं हई है, अत: इसका मुद्रण प्रकाशन अनावश्यक था। जो शब्द अव्युत्पन्न कहकर उपेक्षित हो जाते है अर्थात् जिनकी प्रकृति और जिनके प्रत्यय के स?बन्ध में सोचना ही छोड़ दिया जाता है उन शब्दों की भी प्रकृति और उनके प्रत्यय का ज्ञान सरलतया इस प्रकर के कोशों से हो जाता है। इस संपादन का महत्त्व इस दृष्टि से भी है कि इसमें पाणिनीय व्याकरण के सभी प्रकाशित-दशपादी और पंचपादी-उणादि सूत्रों को पाठ-भेद सहित दे दिया गया है जिससे प्रकाशित किन्तु अनुपलब्ध सभी पाणिनीय व्याकरण के उणादि सूत्रों के सभी प्रकार के पाठों का एकत्र सुगम रीति से ज्ञान हो सके। अन्त में इस कोश में पठित शब्दों की सूची भी दे दी गई है जिसमें उन शब्दों की प्रकृति एवं उनके प्रत्ययों के ज्ञान के साथ ही उसके अर्थ का भी बोध हो जाय।