Bharatiya Darshan Ka Sugam Parichaya / भारतीय दर्शन का सुगम परिचय
					
					
					Author
						: Shiv Shankar Gupta
						Language
						: Hindi
						Book Type
						: Text Book
						Category
						: Sociology, Religion & Philosophy
						
						Publication Year
						: 2013
						ISBN
						: 9788171249947
						Binding Type
						: Paper Back
						Bibliography
						: viii + 172 Pages, Biblio., Append., Size : Demy i.e. 21.5 x 13 Cm.
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						भारतवर्ष के समस्त ज्ञानराशि का बहुमूल्य अंश 'भारतीय दर्शनÓ है। दर्शन का अर्थ है प्राणी का विवेक विचार या उसका सिद्धान्त। जो अखिल ब्रह्मïाण्ड में वायुमण्डल के अन्तर्गत वायु की भाँति मानव-जीवन के साथ अनुस्थूत है। इसे जीवन से पृथक् करना सर्वथा कठिन है। इसे जीवन से पृथक् करने पर मानव-जीवन नैसॢगक प्रवृत्तियों—आहार, निद्रा, भय, मैथुनादि का दास होकर पशुमात्र बनकर रह जायेगा। टीका-प्रटीका क्रम से भारतीय दर्शन विषय पर जितने ग्रन्थ-समुदाय लिखे गये, भारतीय विधाओं की किसी भी विद्या पर उतने नहीं है। प्राचीन काल में पुरुष-स्त्री दोनों समान रूप से दर्शन विषय के जिज्ञासु एवं मर्मज्ञ विद्वान् रहे हैं। दर्शन विषय शान्ति-सुख एवं मोक्ष के आधार हैं।
विषय-सूची : भूमिका, अध्याय  1 : भारतीय दर्शन, अध्याय 2 : (क) वेदान्त-दर्शन (वेदान्त-सार), (ख) सांख्य दर्शन (साङ्?यकारिका), (ग) न्याय दर्शन (तर्कभाषा), अध्याय 3 : विभिन्न ग्रन्थ-सन्दर्भों की सप्रसंग व्याख्याएँ, (क) वेदान्त-सार, (ख) साङ्?यकारिका (तत्त्व कौमुदी टीका), (ग) तर्कभाषा, अध्याय 4 : विभिन्न तन्त्रों के दार्शनिक पारिभाषिक शब्द (क) वेदान्त-दर्शन (वैदान्त-सार), (ख) साङ्ख्यदर्शन (सांख्यकारिका), (ग) न्याय दर्शन (तर्कभाषा), परिशिष्टï।