Aadhunik Kavya Sangrah (Ramveer Singh) [PB] / आधुनिक काव्य संग्रह (पेपर बैक)
Author
: Ramveer Singh
Kendriya Hindi Sansthan, Agra
Kendriya Hindi Sansthan, Agra
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Hindi Poetical Works / Ghazal etc.
Publication Year
: 2024
ISBN
: 9789351460749
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xxxxviii + 476 Pages, Size : Demy i.e 21.5 x 13.5 Cm.
MRP ₹ 325
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Offer Price ₹ 276
आधुनिक काव्य संग्रह
A Unique Collection of Poems of Foremost Hindi Poets. 1. Bhartendu Harishchandra, 2. Maithali Sharan Gupta, 3.
Ayodhya Singh Upadhyaya 'Hariaodh', 4. Jai Shankar Prasad, 5. Suryakant Tripathi 'Nirala', 6. Sumitranandan Pant, 7. Mahadevi Verma, 8. Harivansh Rai 'Bachchan', 9. Makhanlala Chaturvedi, 10. Balkrishna Sharma, 'Naveen', 11. Randhari Singh Dinkar, 12. Ramkumar Verma, 13. Narendra Sharma, 14. Sachchidanand Hiranand Vatsyayan 'Agyeya', 15. Balkrishna Rao, 16. Dharmaveer Bharti, 17. Naresh Mehata, 18. Girijakumar Mathur, 19. Nagarjun, 20. Gajanan Madhav Muktibodh, 21. Shivmangal Singh 'Suman', 22. Shamsher Bahadur Singh, 23. Kedarnath Agarwal, 24. Sarveshwardayal Saxena, 25. Bhawani Prasad Mishra, 26. Shrikant Verma, 27. Dhumil
प्रमुख हिन्दी कवियों की कविताओं का अनूठा संग्रह। अनुक्रम : भूमिका, 1. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र : भारत वीरत्व, हिन्दी भाषा, स्फुट कविताएँ, यमुना शोभा / 2. अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध', [1886-1964 ई०] : प्रियप्रवास (षष्ठ सर्ग) / 3. मैथिलीशरण गुप्त : कैकेयी अनुताप, उर्मिला, यशोधरा, व्यापार, विविध प्रसंग / 4. माखनलाल चतुर्वेदी [1889-1968 ई०] : कैदी और कोकिला, जवानी, गीतों के राजा, उन्मूलित वक्ष, पुष्प की अभिलाषा, प्राण का शृंगार / 5. जयशंकर 'प्रसाद', [1890-1937 ई०] : श्रद्धा, निर्वेद, आँसू, हे लाज भरे सौन्दर्य बता दो, ले चल वहाँ भुलावा देकर, मुझको न मिला रे कभी प्यार, अरुण यह मधुमय देश हमारा / 6. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' [1897-1960 ई०] : प्रिय ! लो, डूब चुका है सूरज, ओ हिरनी की आँखों वाली, जग चुकी है वर्तिका, पराजय गीत / 7. सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', [1899-1969 ई०] : जुही की कली, सन्ध्या सुन्दरी, यामिनी जागी, बाँधो न नाव, स्नेह निर्झर, सरोज-स्मृति, तुम और मैं, भिक्षुक, विधवा, जागो फिर एक बार / 8. सुमित्रानन्दन पंत [1900-77 ई०] : प्रथम रश्मि, नौका विहार, एक तारा, मौन-निमन्त्रण, द्रुत झरो, वाणी, ताज, परिवर्तन, भारतमाता, धरती कितनी देती है / 9. रामकुमार वर्मा [1905-90 ई०] : जागरण की ज्योति, तिरस्कार, मौन करुणा, एकलव्य : गुरु दक्षिणा / 10. महादेवी वर्मा [1907-87 ई०] : कौन पहुँचा देगा उस पार, मधुर वह था मेरा जीवन, दूर के संगीत सा वह कौन है, विरह की घडिय़ाँ हुई अलि मधुर मधु की यामिनी-सी, मैं नीर भरी दुख की बदली, धीरे-धीरे उतर क्षितिज से आ वसन्त-रजनी, यह मन्दिर का दीप इसे नीरव जलने दो, पिक, हौले-हौले बोल, अपरिचित पथ, रे पपीहे पी कहाँ?, क्या जलने की रीति शलभ, प्रिय पथ के यह शूल, चुभते ही तेरा अरुण बान, यह विदा वेला / 11. हरिवंशराय 'बच्चन', [1907-2002 ई०] : प्राण संध्या झुक गई, तुम गा दो मेरा गान, इस पार-उस पार, अँधेरी रात मेंं, पपीहा और चील-कौए, पथ की पहचान, लहरोंं का निमन्त्रण, अमर है मरने का सन्देश, स्वप्न में तुम हो, तुम्हीं हो जागरण में, 12. रामधारीङ्क्षसह 'दिनकर' [1908-74 ई०] : हिमालय, बालिका से वधू, वन-फूलोंं की ओर, गीत-अगीत, प्रभाती, कुन्ती और कर्ण, बुद्धदेव / 13. नागार्जुन [1911-98 ई०] : कालिदास, बादल को घिरते देखा है, हिम-कुसुमों का चंचरीक! दर्पण, तुम किशोर, तुम तरुण / 14. सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन, 'अज्ञेय', [1911-87 ई०] : बावरा अहेरा, कलगी बाजरे की, रात होते-प्रात होते, साँप के प्रति, सागर के किनारे, यह दीप अकेला, छब्बीस जनवरी, हमारा देश, 15. शमशेर बहादुर सिंह [1911-93 ई०] : घिर गया है समय का रथ, बात बोलेगी, 16. केदारनाथ अग्रवाल [१९११-२००० ई०] : खेत का दृश्य, पक्षी दिन, 17. बालकृष्ण राव [1993-75 ई०] : फिर हँसी पाञ्चाली, डूबता सूर्य, नाग यज्ञ, आज ही होगा, मील देवी / 18. भवानी प्रसाद मिश्र [1994-85 ई०] : लुहार से, गाँव, मेरे नेता, अज्ञात पंछी, मंगल-वर्षा, गीत फरोश / 19. नरेन्द्र शर्मा [1993-89 ई०] : आज के बिछुड़े, पाषाण नहीं था, पापी?, युग बदला, प्यासा निर्झर, मोती मसजिद से ताजमहल, भरे जंगल के बीचोंबीच / 20. शिवमंगल सिंह 'सुमन' [1916-2003 ई०] पथ भूल न जाना पथिक कहीं, परिचय, अपने कवि से / 21. शम्भुनाथ सिंह [1916-91 ई०] : बंद कमरों का सफर, जन देवता, बातें घर की, टेर, नयी दिल्ली की आधी रात, अनाम दिन / 22. गजानन माधव मुक्तिबोध [1917-64 ई०] : दूर तारा, खोल आँखे, मृत्यु और कवि / गिरिजाकुमार माथुर [1918-94 ई०] : पन्द्रह अगस्त, आग के फूल 19. नागार्जुन, 20. गजानन माधव मुक्तिबोध [1917-64 ई०] : दूर तारा, खोल आँखें, मृत्यु और कवि / 21. गिरिजाकुमार माथुर [1918-94 ई०] : पन्द्रह अगस्त, आग के फूल, रात हेमंत की, धूप का ऊन, क्वाँर की दोपहरी / 24. नरेश मेहता [1922-2000 ई०] : किनर-धेनुएँ, विडम्बना, एक बोध / 25. धर्मवीर भारती [1926-97 ई०] : टूटा पहिया, नवम्बर की दोपहर, घाटी का बादल, अन्तहीन यात्री, सेतु : मैं, गान्धारी का शाप / 26. सर्वेश्वरदयाल सक्सेना [1927-83 ई०] : सुहागिन का गीत, सौन्दर्य-बोध, सूखे पीले पतत्तों ने कहा, विवशता / 27. श्रीकान्त वर्मा [1931-80 ई०] : आस्था की प्रतिध्वनियाँ, भद्रवंश का प्रेत / 28. केदारनाथ सिंह [1932 ई०] : सूई और तागे के बीच में, मुक्ति, रोटी, बनारस, 29. धूमिल [1936-75 ई०] : गाँव, कविता, मोचीराम, शहर में सूयास्त, प्रौढ़ शिक्षा, कवि 1970, भाषा की रात / 30. अशोक वाजपेयी [1941 ई०]: आगर इतने से, वे, पूर्वजों की अस्थियों मेंं, विदा का कोई समय नहीं है, तोतों से बची पृथ्वी / 31. बच्चन सिंह [1942 ई०] : अग्निबाण, अंधोंं की बस्ती में, बरखा, माँ, काका / 32. राजेश जोशी [1946 ई०] : रैली में स्त्रियों, आधा वृत्त, चप्पलें, दृश्य और बिम्ब / परिशिष्टï, कवि तथा काव्य परिचय।