Abhigyan Shakuntalam (Mahakavi Kalidasvirchitam) / अभिज्ञानशाकुन्तलम् (महाकवि कालिदास विरचितम् )
Author
: Shiv Shankar Gupta
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Sanskrit Literature
Publication Year
: 2019, 8th Edition
ISBN
: 9788171249473
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xxxx + 280 Pages, Append., Size : Demy i.e. 21 x 13.5 Cm.

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This is a critical edition of Abhigyan Shakuntalam by Kalidas. The whole text is translated into Hindi and exhaustive commentary is given. In the Introduction Kalidas's life and works are given. His time is discussed his versatile genius is exposed. His peotic beauty, dramatic art and style is discussed in details.

यह महाकवि कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तल का आलोचनात्मक संस्करण है। इसमें संस्कृत टेक्स्ट का हिन्दी अनुवाद और विस्तृत टिप्पणी दी गयी है। इसमेंं श्लोकों की संस्कृत व्याख्या भी दी गई है। विस्तृत भूमिका में कालिदास का जीवन वृत्त, उसकी कृतियाँ, उसका समय, उसका शास्त्रीय पांडित्य, विविध कला ज्ञान, नाट्यकला, काव्य सौन्दर्य और शैली का विस्तृत विवेचन है। परिशिष्ट में पारिभाषिक शब्दों के लक्षण एवं प्राकृत व्याकरण दिया गया है। अभिज्ञानशाकुन्तलम् की अनेक प्रतियों में केवल शब्दार्थ मात्र है, परन्तु इस ग्रन्थ में अन्वय, भाषानुवाद, संस्कृत व्याख्या, व्याकरण, समास, कोश, व्युत्पत्ति, गुण, रीति, रस, अलंकार, छन्द एवं नाट्यशास्त्रीय सौन्दर्य (रस, ध्वनि) आदि का भी समावेश है। ग्रन्थ के प्रारम्भ में कालिदास का परिचय, समय, पात्र-परिचय आदि दिया गया है एवं परिशिष्टï में नाट्यशास्त्रीय टिप्पणियाँ, अंलकार, छन्द, कालिदास की सूक्तियाँ, नाटक में प्रयुक्त प्राकृत भाषा का व्याकरण नियम आदि उपयोगी सामग्रियाँ दी गई हैं। इस ग्रन्थ में विख्यात टीकाकार राघव भट्टï, शारदा तनय राम, गदकर आदि के मत हैं एवं पाश्चात्य टीकाकार काले महोदय का भी मत है। ग्रन्थ के महत्त्ववर्धन के लिए अंग्रेजी टीका भी दी गई है। अनेक प्रतियाँ में श्लोक अशुद्ध लिखे हैं, अत: पाठक की सुविधा के लिए निर्णय सागर प्रेस तथा काले के अनुसार पाठ-भेद भी दिये गये हैं। विषय-सूची : भूमिका, 1. भारतीय परम्परा में रूपक की उत्पत्ति, 2. महाकवि कालिदास, (क) कालिदास का जीवन वृत्त, (ख) कालिदास की जन्मभूमि एवं निवासस्थान, (ग) कालिदास का व्यक्तित्व, (घ) कालिदास का समय, (ङ) कालिदास द्वारा रचित ग्रन्थ, (च) महाभारत में शकुन्तला की कथा, (छ) पद्मपुराण में शकुन्तला कथा, (ज) मूलकथा में परिवर्तन, (झ) शाकुन्तल की कथावस्तु का स्रोत, (ञ) कालिदास की नाट्य-कला, (त) शाकुन्तल नाटक का चतुर्थ अंक, (थ) चतुर्थ अंक की विशेषताएँ, (द) कालिदास की शैली, (ध) मुख्य पात्रों का चरित्र-चित्रण, (अ) दुष्यन्त, (आ) शकुन्तला, (इ) कण्व, (ई) अनसूया एवं प्रियंवदा, (उ) शार्गरव और शारद्वत, (ऊ) विदूषक, 3. नाटकीय पात्र परिचय, (4) अभिज्ञान शाकुन्तलम्, (अ) प्रथमोऽङ्कï, (आ) द्वितीयोऽङ्कï, (इ) तृतीयोऽङ्कï, (ई) चतुर्थोऽङ्कï, (उ) पञ्चमोऽङ्कï, (ऊ) षष्ठïोऽङ्कï, (ए) सप्तमोऽङ्कï, 5. परिशिष्टï, (अ) वर्णानुसार श्लोकानुक्रमणिका, (आ) नाट्य-शास्त्रीय पारिभाषिक शब्द, (इ) छन्द:-परिचय, (ई) (क) शाकुन्तल में सुभाषित संग्रह, (ख) सुभाषित श्लोक, (उ)महाकवि कालिदास विषयक प्रशस्तियाँ, (ए) शाकुन्तल में प्रयुक्त प्राकृत भाषा एवं व्याकरण नियम, (ऐ) शाकुन्तल से साम्य वाले कालिदास के अन्य श्लोक।