Bharatiya Sanskriti Ke Mool Tattva / भारतीय संस्कृति के मूल तत्त्व (संस्कार, वर्णाश्रम व्यवस्था, पुरुषार्थ-चतुष्टय)
					
					
					Author
						: Vrajvallabha Dwivedi
						Language
						: Hindi
						Book Type
						: Text Book
						Category
						: History, Art & Culture
						
						Publication Year
						: 2014
						ISBN
						: 9789351460541
						Binding Type
						: Paper Back
						Bibliography
						: xx + 124 Pages, Size : Demy i.e. 21.5 x 13 Cm.
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						प्रस्ïतावना, प्रथम परिच्छेद : षोडश संस्ïकार—संस्ïकारों का उद्देश्ïय—संस्ïकारों की कोटियाँ—संस्ïकारों की संख्ïया—संस्ïकार एवं वर्ण—संस्ïकारों की वर्तमान स्थिति—संस्ïकार पद्धति—होम (हवन)—ग्रहशान्ïित—नान्ïदी श्राद्ध—४८ संस्ïकार—आठ आत्ïमगुण—षोडश संस्ïकार—१. गर्भाधान— २. पुंसवन— ३. सीमन्ïतोन्नयन— ४. जातकर्म— ५. नामकरण— ६. निष्ïक्रमण— ७. अन्ïनप्राशन— ८. कर्णवेध—९. चूडाकर्म, १०. विद्यारंभ— ११. उपनयन— १२. वेदाध्ïययन (स्ïवाध्ïयाय)— १३. केशान्ïत (गोदान)— १४. समावर्तन (स्ïनान)— १५. विवाह— १६. अन्ïत्ïयेष्ïिट। द्वितीय परिच्छेद : वर्णाश्रम व्ïयवस्था—वर्ण व्ïयवस्था—आश्रम व्ïयवस्था— १. ब्रह्मïचर्याश्रम— २. गृहस्थाश्रम—सदाचार—भक्ष्ïयाभक्ष्ïय-विचार—आह्निïक—भोजन के नियम—श्राद्ध विधान—जीविका (वृत्ति)—दान धर्म— ३. वानप्रस्थाश्रम— ४. संन्ïयासाश्रम। तृतीय परिच्छेद : पुरुषार्थ-चतुष्ïटय—धर्मशास्ïत्र की दृष्ïिट—पुराणों की दृष्ïिट—इतिहास की दृष्ïिट—अर्थशास्ïत्र की दृष्ïिट—कामशास्ïत्र की दृष्ïिट—१. धर्म— २. अर्थ— ३. काम— ४. मोक्ष।